चित्रकूट से लोकप्रिय सांसद श्री आर के सिंह पटेल जी के लिए कुछ शब्द अरूण कुमार पटेल (कोर्रा खुर्द) जी की कलम से* …

*बांदा
उत्तर प्रदेश विधानसभा और देश की सबसे बड़ी पंचायत संसद में सदस्य के तौर पर लगभग 30 वर्षों का अनुभव,
उम्र, प्रधानमंत्री जी से लगभग कुछ ही वर्ष कम,और ऊर्जा, पूछिए मत,इस अपार अनुभव, संसदीय ज्ञान और विधायी मामलों का ज्ञान, पक्ष-विपक्ष में पुख्ता पहचान का परिणाम है कि वे वाकई वरिष्ठ राजनेता के रूप में पहचाने जाते हैं।
उम्र के इस पड़ाव में भी उनकी सघन यात्राएं पहली बार किसी सदन का मुंह देखने वाले नवोदित जनप्रतिनिधियों को प्रायः हैरत में डाल देती है,
अफसोस कि भारतीय राजनीति में उन्हें वो दायित्व, वो मुकाम नहीं मिला जिसके वो हकदार थे। उनकी क्षमता का जनहित में उपयोग न किया जाना व्यवस्था का दोष है ना कि उनके प्रयासों में कमी का..
फिलहाल, वे इन दिनों सक्रिय हैं, हर बार की तरह पूरे मनोयोग से,
सियासी चश्मा लगाए विरोधी लोग उनकी आलोचना कर सकते हैं, और करते हैं। तमाम लोग उनसे स्वस्थ प्रतिस्पर्धा न कर पाने के कारण ईर्ष्या करते होंगे। बहुतेरे उनके विचारों से सहमत भी नहीं होंगे। लेकिन ये निर्विवाद सत्य है कि उनके सियासी कौशल, विषयवस्तु को समझ पाने की क्षमता, वातावरण को अनुकूल करने की काबिलियत और समाज के तकरीबन हर वर्ग में संवाद, संपर्क और सहयोग की आदत के कारण कोई भी उन्हें नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता है,
उनके भगीरथ प्रयासों का प्रतिफल है कि बुंदेलखंड के एक बड़े हिस्से से होकर गुजरने वाली रेलगाड़िया समयानुसार चले, और यात्रियों को हर संभव मदद मिले, जिसके लिए बीते दिन जनपद बांदा और जनपद चित्रकूट की मानिकपुर रेलवे स्टेशन का प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा भव्य शिलान्यास भी हो चुका है। बीते लोकसभा चुनाव के बीच किए गए, वादे कुछ एक को छोड़कर पूरे हो चुके हैं या होने की कगार पर हैं। उन्होंने ये कर दिखाया केवल सांसद रहते हुए।
जनहित के मुद्दों पर उनका पैरवी करने का अंदाज़, समस्या को समाधान की मेज तक पहुंचवाने की कला भी बेजोड़ है।
इन बातों से वही लोग इत्तेफाक रखेंगे जिन्होंने सांसद आर के सिंह पटेल जी को जरा भी समझने का प्रयास किया है..
आप माने या न माने, जिन रेलवे स्टेशनो के लोकार्पण समारोह का आयोजन बीते दिन हो चुका है उनकी प्रस्तावना से लेकर इस आयोजन के अवसर तक में सांसद श्री आर के सिंह पटेल जी का कहीं न कहीं ठोस योगदान रहा है भले ही वो प्रचारित न हो, ऐसा बताया जाता है..
न केवल वे बुंदेलखंड के वरिष्ठ नेताओं में अव्वल हैं बल्कि उत्तर प्रदेश की सियासी फलक पर भी वजनदार स्थिति रखते हैं..
एक बार भी कल्पना करके देखिए कि यदि पटेल जी केंद्र सरकार में किसी ओहदे पर होते तो आज बांदा चित्रकूट लोकसभा क्षेत्र कहाँ होता…!
राजनीति में कैरियर तलाश रहे युवाओं को उनसे सीख लेनी चाहिए। ऐसे अवसर बहुत कम ही लोगों को मिलते हैं।
आप स्वतंत्र हैं इस पोस्ट के अपने हिसाब से मायने निकालने के लिए। सिर्फ एक बात का अनिवार्य रूप से ध्यान रखिएगा कि टीका-टिप्पणी की मर्यादा, भाषा का स्तर रत्ती भर भी भंग न हो। वो कहा जाता है न कि किसी भी व्यक्ति की भाषा उसकी परवरिश की परिचायक होती है।
विचार, पलटवार, अभिव्यक्ति, कटाक्ष आदि-आदि आमंत्रित है..
~*अरूण कुमार पटेल (कोर्रा खुर्द) मो.7607054071 के निजी विचार है*….
नोट-: ये हमारा अभिमत है। जितना कि हम उन्हें समझ पाएं हैं।

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