राम का नाम लेने वाला मानव स्वयं पवित्र हो जाता है-देवी ऋचा मिश्रा

 

कथा का छटा दिन

नैमिष टुडे-अनुज कुमार जैन
महमूदाबाद, सीतापुर
तीनों लोकों में एक ही पुरुषोत्तम है कौशल्या नंदन राम, जिन्होंने इस लोक में मानव के चरित्र को अपनी महान भूमिका से परिभाषित किया है। उनकी महिमा अनंत है। यदि इस संसार के प्रत्येक घर में उनका मंदिर बनाया जा सके तो भी उनके चरित्र की स्वीकार्यता को पूर्ण रूप से दिग्दर्शित नही किया जा सकता। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के आदर्शों की प्राण प्रतिष्ठा हर मन मंदिर में स्थापित की जा सके तभी यह व्यापक हो सकता है। इसीलिए जन मानस में यह विश्वास प्रचलित है राम से बड़ा राम का नाम।
श्री संकटा देवी धाम महमूदाबाद में चल रहे श्री शतचंडी महायज्ञ के अवसर पर आयोजित श्रीराम कथा के छठें दिवस अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचिका ऋचा मिश्रा ने श्रोताओं को कथा का रसपान कराते हुए प्रवचन के दौरान उक्त बातें कही। उन्होंने कहा रामावतार मानव रूप में मर्यादा का अवतरण है। राम का नाम उनके चरित्र का सजीव दर्शन बन गया है। हनुमान राम धुन में आज तक रमे हुए है। जहां भी राम का नाम लिया जाता है वह विद्यमान रहते हैं। राम का नाम लेने वाला मानव स्वयं पवित्र हो जाता है। यह राम के चरित्र का प्रभाव है। उन्होंने कहा कि जीवन में गुरु की आज्ञाओं का सदैव पालन करना चाहिए। मनुष्य को बेटा बेटियों में भेद नहीं करना चाहिए। बेटियां दो परिवारों को रोशन करती है। यदि बेटियां नहीं होंगी तो सृष्टि का संतुलन बिगड़ जाएगा। आज हर क्षेत्र में बेटियां परिवारों व समाज का नाम रोशन कर रही हैं। बेटियों की भ्रूण हत्या इस धरती का सबसे बड़ा पाप है। अनेक माता-पिता दहेज दानव के भय से बेटियों को जन्म लेने नहीं देते। दहेज दीमक की तरह समाज को खोखला बना रहा है। आदि काल में दहेज का नामोनिशा नहीं था। संगीतमयी श्री रामकथा में कथावाचिका के द्वारा मां सीता का गौरी पूजन, मां भगवती का सीता जी को वरदान देना, धनुष भंग, सीता स्वयंवर, परशुराम-लक्ष्मण संवाद सहित श्री रामचरित मानस के अनेक प्रसंग सुनाकर भक्तों को श्रीराम भक्ति के रस में सराबोर किया। कथा के दौरान विधानसभा कुर्सी के विधायक साकेंद्र प्रताप वर्मा, मां संकटा देवी धाम समिति के अध्यक्ष आरके वाजपेयी,समस्त पदाधिकारी वा सदस्यों सहित हजारों की संख्या में कथा प्रेमी मौजूद रहे।

इनसेट-
महमूदाबाद, सीतापुर
मूर्तियों को विधि-विधान से कराया गया धूपाधिवास व गंधाधिवास
मां संकटा देवी धाम में चल रहे श्री शतचंडी महायज्ञ के छठें दिन यज्ञाचार्य पंडित अखिलेश चंद्र शास्त्री सहित अन्य आचार्यों ने पूर्व आवाहित देवताओं के साथ गौ पूजन सम्पन्न हुआ। यज्ञ के दौरान चंडी सहस्रनामावल्या, पीठ देवता व नवार्ण मंत्र का हवन सम्पन्न हुआ। नवनिर्मित मंदिरों में स्थापित होने वाली देव प्रतिमाओं को शुक्रवार को विधिवत पूजन-अर्चन के बाद धूपाधिवास व गंधाधिवास कराया गया। शनिवार को पूजन-अर्चन के बाद प्रतिमाओं का मिष्ठानाधिवास के साथ आरती पूजन संपन्न होगा। श्री शतचंडी महायज्ञ में मां संकटा देवी धाम समिति के अध्यक्ष आरके वाजपेयी, किरन वाजपेयी, आंजनेय आशीष वाजपेयी, ऋतुजा वाजपेयी आरजे वर्मा, सुशीला वर्मा, शशांक वर्मा, शिवानी वर्मा, चंद्रकांत रस्तोगी, रिचा रस्तोगी, शशिकांत रस्तोगी, सोनम रस्तोगी, पीयूष वर्मा, ज्योति वर्मा, प्रवीण अग्रवाल, सारिका अग्रवाल ने विधि-विधान से पूजन-अर्चन किया।

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