गन्ने के साथ दलहनी, तिलहनी और सब्जियों की खेती करके पाएं दोहरा लाभ।
मिट्टी को स्वस्थ बनाए रखने के लिए देसी गाय के गोबर और मूत्र से बने जीवामृत और जैव कीटनाशक का खेती में करें उपयोग।
सांडा(सीतापुर)- गन्ने की रोग मुक्त नवीनतम प्रजातियों की बुवाई के साथ खेत में दलहनी, तिलहनी और सब्जियों की सह फसली खेती करके किसान भाई दोहरा लाभ पा सकते हैं। यह बात सेकसरिया चीनी मिल बिसवां के वरिष्ठ वैज्ञानिक व सलाहकार डॉ रामकुशल सिंह ने चीनी मिल क्षेत्र के सिरसी सरैया गांव के किसान राजकुमार वर्मा के गन्ने के खेत पर आयोजित किसान गोष्ठी में मौजूद गन्ना किसानों को बताई।
डॉ रामकुशल सिंह ने कहा कि अधिक लाभ पाने के लिए गन्ने की नवीनतम रोगमुक्त प्रजातियां जिनमें सीओएस 15023, सीएलके 14201, सीओ 13235, सी ओ 0118, की बुवाई खेत में सीधी लाइन में ही करें। सीधी लाइन में गन्ने की बुवाई करने से तेज हवा चलने पर गन्ने की उपज गिरने से बचेगी। गन्ने के साथ मटर, मूंग,चना,अलसी,सरसों, मसूर,उरद,जौ, लहसुन, प्याज,धनिया,आलू,गाजर,गोभी आदि की सहफसली खेती करके दोहरा लाभ लिया जा सकता है। रासायनिक खादों और कीटनाशकों की जगह देसी गाय के गोबर और मूत्र के उपयोग से बनने वाली जैविक खाद और जैव कीटनाशकों के उपयोग से हमें स्वस्थ फसलें मिलती हैं। वहीं खेत की मिट्टी का स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहता है। खेत की मिट्टी में पाए जाने वाले मित्र कीटों के साथ केंचुआ जिसे हम प्रकृति का हलवाहा भी कहते हैं इनकी संख्या तेजी के साथ बढ़ती है। हमारी धरती माता बंजर होने से बचेंगी और हमें जीवन पर्यंत खेती में भरपूर उपज मिलती रहेगी। गोष्ठी में मौजूद किसानों को देसी गाय के गोबर और मूत्र के उपयोग से बनने वाले जीवामृत/घनजीवामृत के साथ जैव कीटनाशक का प्रदर्शन किया गया और इन्हें बनाने की विधि किसानों को बताई गई।
चीनी मिल के वरिष्ठ गन्ना प्रबंधक डॉ अमरीश कुमार सिंह तोमर ने गन्ने की नवीन प्रजातियों की ट्रेंच विधि से सीधी लाइन में बुवाई करने के लिए किसानों को जागरूक किया गया। चीनी मिल के उपगन्ना प्रबंधक विमल मिश्रा ने खेती में रासायनिक खादों और कीटनाशकों की जगह जैविक खाद और जैविक कीटनाशकों के उपयोग को बढ़ावा देने की बात कही गई। इस अवसर पर गन्ना किसान रामलाल, चंद्रिका प्रसाद,मुरली, राजाराम,कृपादयाल,रामचरन,बांकेलाल,यासीन, मोतीलाल,रामदयाल, सोहनलाल,रामहर्ष आदि के साथ चीनी मिल के सभी क्षेत्रीय कर्मी भी मौजूद रहे।