
महमूदाबाद, सीतापुर
विवेकानंद भारत के प्राणपुत्र थे। उन्होंने भारत के ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की मानवता के लिए कार्य किया। अपना पराया का भाव लाना छोटी प्रवृत्ति का परिचायक है, पूरा विश्व ही हमारा परिवार है। ऐसी भावना के साथ काम करना चाहिए। चुनौती जितनी बड़ी होगी सफलता उतनी ही शानदार होगी।
उक्त बातें सीता इंटर कालेज के शास्त्री सभागार में में सीता ग्रुप ऑफ एजूकेशन के चेयरमैन आरके वाजपेयी ने स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती युवा दिवस की पूर्व संध्या पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि हमें विवेकानंद जैसे महापुरूषों के जीवन को अपना आदर्श मानना चाहिए। विवेकानंद का धर्म आध्यात्म, संस्कृति व संस्कारों से परिपूर्ण व्यक्तित्व रहा है। जीवन में संकल्प लेने के बाद उसे कभी तोड़ना नहीं चाहिए। महज 30 वर्ष की अवस्था में शिकागो में आयोजित विश्व धर्म सम्मेलन को संबोधित करके भारतीय संस्कृति का पूरे विश्व में लोहा मनवाया। कार्यक्रम के दौरान देश के प्रधानमंत्री रहे लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि पर उन्हें भी श्रद्धाजंली दी गयी। कालेज के डिप्टी मैनेजर वागीश दिनकर वाजपेयी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ऐसे विलक्षण संत थे, जिन्होंने वर्तमान भारत की नींव रखी। उन्होंने पूरे विश्व में भारत के ज्ञान की पताका फहराई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांस्कृतिक प्रमुख प्रतिभा सिंह ने कहा कि लक्ष्य निर्धारित कर किया गया कोई भी काम विफल नहीं होता। विवेकानंद के आदर्शों को ध्यान में रखकर हमें काम करना चाहिए। शिशु भारती प्रमुख यशपाल वर्मा ने कहा कि स्वामी जी विलक्षण प्रतिभा के धनी थे उन्होंने अपनी प्रतिभा और शौर्य के बल पर पूरे विश्व में भारत का नाम बुलंद किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलन व मां भारती, मां शारदे व स्वामी विवेकानंद के चित्रों पर माल्यार्पण से हुआ। युवा दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अंशिका, अवन्तिका, सुप्रिया, उज्ज्वल वर्मा, दिव्यांशी दीक्षित, अनन्या वर्मा, श्रेया राय, स्तुति वर्मा, आदित्य पटेल, पप्पी श्ुक्ला, दीपा यादव सहित कई अन्य विद्यार्थियों ने अपनी कविताओं व विचारों से विवेकानंद के जीवन पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर बड़ी संख्या में विद्यार्थी व शिक्षक मौजूद रहे।