*योगीजी जनता पूँछ रही हैं! कि पैसों के लिये और किस हद तक उतर सकती है, आपके जनपद सुलतानपुर की पुलिस?*

सुलतानपुर /प्रदेश में जहाँ एक तरफ गोरक्षा पीठाधीश्वर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महराज पूरे प्रदेश ही नहीं बल्कि विदेशो में भी जाकर भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश का डिंढोरा पीटते नहीं थक रहे है, वही दूसरी तरफ अगर हम जनपद सुल्तानपुर के सिर्फ पुलिस विभाग के कुछ छोटे से थाना, चौकी व कोतवाली की बात करें तो जिले में कप्तान सोमेन वर्मा के शासनकल में बीते कुछ माह में मीडिया द्वारा जिले के अन्दर जनता के बीच प्रकाशित पुलिस विभाग के कुछ नायाब कारनामें खुलेआम भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश वाले दावो की धज्जियाँ उड़ाते दिखाई दे रहे है, जिसका एक छोटा उदाहरण बीते दिन कोतवाली देहात में देखने को मिला!
*उदाहरण*
*1-कोतवाली देहात*
बीते 17 सितम्बर 2023 आईजीआरएस संख्या 587 पर एक महिला द्वारा *धारा 376/506 आईपीसी कोतवाली देहात* में सिद्धार्थ पुत्र रामअवध के नाम मुकदमा पंजीकृत होता है, जिसमे लगभग 2 माह बाद वर्षो से अमेठी, धम्मोर आदि जगहों पर चर्चा में कोतवाली निरीक्षक श्याम सुन्दर द्वारा महज धनउगाही के चक्कर में सिद्धार्थ के परिवार से एक लड़के को तथा एक रिटायर फ़ौजी सालिकराम (68 वर्ष) को उनके घर से गिरफ्तार कर बेवजह 3 दिनों तक थाने में बिठाये रखा गया!
सूत्रों से मिली जानकारी के बाद *हमलावर न्यूज़* टीम कोतवाली देहात पहुंचकर बेवजह बिठाये रखने के बावत जानकारी मांगी गयी, जिसपर निरीक्षक श्याम सुन्दर द्वारा मीडिया को उक्त मुकदमा का हवाला देते हुए पूछताछ के लिये लाये जाने की बात कहते हुए कुछ देर में छोड़ देने को कहा गया! किन्तु कुछ देर बाद खाना लेकर वहा पहुंची फ़ौजी की पत्नी व बेटा को देख श्याम सुन्दर ने बड़े ही तल्ख़ अंदाज में तानाशाही में मीडिया के सामने ही अभद्रता के साथ जबरदस्ती पत्नी व बेटे को भी थाने में बिठा 216 में चालान करने की धमकी दी जाने लगी!
हद तो तब हो गई जब कुछ देर बाद फ़ौजी के साथ बैठाये गए लड़के को कुछ रसूखदारों की पैरवी व उनके द्वारा चढ़ाये गये प्रसाद को ग्रहण कर कोतवाल श्याम सुन्दर ने उसे अभयदान दे दिया! किन्तु फ़ौजी व उनके परिवार के पास न तो चढ़ावा चढ़ाने के लिये प्रसाद था, और न ही किसी सत्ताधारी नेता, मन्त्री, व विधायक की पैरवी होने के कारण थाने पर ही बैठाकर मानसिक रूप से परेशान किया जाता रहा!
तानाशाह श्याम सुन्दर की हिटलरशाही के बावत हमलावर न्यूज़ टीम द्वारा क्षेत्राधिकारी लम्भुआ अब्दुल सलाम व पुलिस अधीक्षक के नम्बर पर उन्हें पूरी घटना से अवगत कराते हुये, पीड़ित फ़ौजी को न्याय दिलाये जाने की बात कही गई! किन्तु अफ़सोस सीओ लम्भुआ व कप्तान के मोबाइल पर बात की गयी, बावजूद उसके किसी भी जिले के उच्चाधिकारी ने पीड़ित को न्याय दिलाने में मदद नहीं की! जिसे देख हमलावर न्यूज़ द्वारा जब 19 नवंबर शाम अपने न्यूज़ हमलावर के ट्विटर पर उक्त के बावत खबर वायरल किया गया, वायरल खबर देखने के बाद सीओ व कोतवाल अपनी कारगुजारियो पर पर्दा डालने के लिये, देर रात्रि फ़ौजी व उनके बेटे को छोड़ा गया, और लड़के को बिठा लिया! सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार दूसरे दिन कोतवाल श्याम सुन्दर ने धारा 216 में उक्त फ़ौजी व उनके बेटे को यह दिखाते हुए कि इन्हे पुलिस द्वारा दौड़ाकर पकड़ा गया, दर्ज करते हुए 216 में 4 दिन बाद न्यायालय लाया गया, जहाँ पुलिस कारगुजारियो पर फटकार मिलने के बाद कोतवाली ले जाकर फ़ौजी व उनके लड़के को पुलिस हिरासत से आजाद किया गया!
*पुलिस की प्रताड़ना से पीड़ित रिटायर फ़ौजी द्वारा उच्च न्यायालय लखनऊ ने न्याय की मांग की गयी, जिसमे आज 20 नवंबर 2023 को उच्च न्यायालय लखनऊ ने क्षेत्राधिकारी लम्भुआ अब्दुल सलाम व कोतवाली निरीक्षक श्याम सुन्दर को तलब किया हैं!*

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