
मिश्रिख ब्लाक में फेल हो रहा स्वच्छता मिशन बन गया कमाई का जरिया एडीओ की हो रही जयजयकार प्रधान और सचिव भी हो रहे मालामाल
नैमिष टुडे
अभिषेक शुक्ला
मिश्रिख सीतापुर। ब्लाक हमेशा से चर्चाओं के घेरे में रहा है। कभी स्वयं खण्ड विकास अधिकारी मनरेगा में इतना बड़ा गड़गढ़ घोटालो करते है कि इसकी गूंज जिला प्रशासन से लेकर शासन तक सुनाई देती है। मामले की शिकायतें की जाती है उनकी जांच भी होती है लेकिन अचानक से जांचे दब जाना और मामला ठण्डे बस्ते में चला जाना किसी बड़े रहस्य से कम नहीं दिखता है। खण्डविकास अधिकारी द्वारा अपनों को और जिन लोगों से उनको मोटा लिफाफा प्राप्त हो गया था उन पर इतना महबान हो गये कि ढोंगल के जरिये उनकी मनरेगा भर दी तो किसी ग्रामसभा को इतना पैसा तक नहीं दिया कि वह अपनी ग्राम सभा का कायदे से विकास करवा सके। अभी तभी तक मनरेगा के रहस्य से पर्दा उठ भी नही सका था कि मिश्रिख के एपओं मनोज श्रीवास्तव ने ऐसा खेल खेला कि पूरे मिश्रिख क्षेत्र में मनरेगा बदनाम होने लगी और एपीओ चर्चा में आ गये। कहा जाने लगा कि ब्लाक
मिश्रिख में घोटालों के सिवा और कुछ होता ही नहीं है। इस बात की चर्चा अभी समाप्त भी नहीं हो पाई थी कि एक मिश्रिख ब्लाक से इस बार एडीओ की सरपरस्ती में शौचालय घोटाला सामने आया है। हलांकि शौचालय की श्रेणी बटी है इसके बाद भी आरोपो और घोटालो का केन्द्र बिन्दु केवल मिश्रिख एडीओ ही बताये जा रहे है। सूत्र यहां तक दावा करते है कि मिश्रिख ब्लाक के तमाम ग्रामसभाओं में शौचालय निर्माण के नाम पर केवल खेल हुआ है। यह बात पात्र समझ गया तो उसने भी खेल खेलना शुरू कर दिया और शौचालय में शौच के बजाय कण्डे भरने शुरू कर दिये। इसकी जानकारी प्रधान से लेकर अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को है प्रधान ने कई बार पात्र से कहा भी कि शौचालय का प्रयोग करो तो जवाब मिला कि यह शौचालय
गुणवत्ताहीन बना है यह कभी भी गिर सकता है और उस समय जो इस शौचालय में हुआ उसकी भी जान जा सकती है इस कारण यह शौचालय में बल्कि मौत का घर बने इ हुए है। मिश्रिख ब्लाक में शौचालय घोटालो के बारे में बताया जा रहा है कि घोटालेबाजों को एडीओ पंचायत का पूरी तरह से संरक्षण प्राप्त है इस कारण इन घोटालो पर कार्यवाही के बजाय घोटाले को बढ़ाया जा रहा है। अब तो यह भी कहा जाने लगा है कि मिश्रिख एडीओ घोटाले बाजों को संरक्षण देकर पीएम मोदी के सपनों को चकरनाचूर कर रहे है। मिश्रिख ब्लाक में सब कुछ जायज है यहां तक बिना काम कराये ही पैसों को निकाल लिया जाता है और स्वयं खण्ड विकास अधिकारी मनरेगा का डोंगल सिस्टम से नहीं बल्कि अपने मनमाफिक लगाते है। मिश्रिख ब्लाक में जब मीडिया कवरेज करने पहुंची मनरेगा ऑफिस में विकास श्रीवास्तव एपीओ ने कहा विकासखंड अधिकारी प्रवीण जीत ने मना किया है मीडिया कर्मियों को जानकारी ना दें जानकारी यह लेने गए थे विकास श्रीवास्तव एपीओ से यह बताओ किस ग्राम सभा में नरेगा का कार्य हुआ कितना हुआ की कागजी कर चल रहा है तो कहने लगे खंड विकास अधिकारी प्रवीणजीत ने मना किया है जानकारी देने के लिए मीडिया करमी ऑफिस से बाहर आया सूत्रों से मिली जानकारी कहां जो बेचारे नरेगा में काम करते थे उनको मजदूरी तक नहीं मिली पूरा पैसा बंदर बांट हो गया जमकर हुआ घोटाला 71 ग्राम सभा में किसी और ध्यान आकर्षित करते हुए जिला अधिकारी से जनता ने मांग की है जमीनी स्तरीय जांच हो आगर जिला अधिकारी द्वारा नहीं जान कराई गई तो हमको मजबूरन मुख्यमंत्री को वहां जाना पड़ेगा बेचारा फोड़ा मजबूर चलता है नरेगा में उसका पैसा नहीं मिलता है खून पसीना एक कर देता है तो मजदूर उसकी मजदूरी का पैसा नहीं मिलता है तो उसका परिवार कैसे चलेगा सबसे ज्यादा घोर लापरवाही खंड विकास अधिकारी प्रवीण जीत की है जनता नहीं मांग की है खंड विकास अधिकारी को हटाया जाए विकास श्रीवास्तव को भी हटाया जाए जनता ने कहा अगर नहीं हटाया गया तो हम मुख्यमंत्री के वहां जाकर आवाज बुलंद करूंगा भ्रष्टाचार के खिलाफ चर्चाओं में चर्चित मिश्रित ब्लॉक नंबर वन पर चल रही है योगी सरकार विकास जनता के लिए देते हैं अधिकारी अपनी जेब गर्म कर लेते हैं जनता तक पैसा पहुंचता ही नहीं है अब देखना है जिला अधिकारी क्या ठोस कार्रवाई करते हैं इससे भ्रष्ट्र अधिकारियों के खिलाफ।