नैमिष टुडे
अभिषेक शुक्ला
सिधौली ( सीतापुर )। प्रथम संस्था के जिला समन्वयक भास्कर तिवारी की बेटी दिशा के जन्मदिन पर एक शाम बेटियों के नाम कवि सम्मेलन का आयोजन कस्बा के गिट्टी प्लांट के निकट शांति निवास में किया गया। पिंकी अरविंद प्रजापति के वाणी वन्दना से कवि सम्मेलन की शुरुआत हुई। जिसमें ओज हास्य और श्रंगार रस की कविताओं से श्रोता समाज झूमता नजर आया। कवि केदारनाथ शुक्ल ने मंच संचालन करते हुए पढ़ा क्या सुरा सुन्दरी के भोगे, श्रम का महत्व बतलायेंगे, चिंगारी से डरने वाले, शोलों में हाथ लगायेंगे। संयोजक देवेंद्र कश्यप निडर ने पढ़ा बेटियाॅं है प्रेमगान बेटियां हैं स्वाभिमान, न बेटियों को मित्र आज कोख में मिटाइए। ये हैं पुत्र के समान आप भी करो गुमान, विश्व को बचाने हेतु बेटियाॅं बचाइए। प्रमोद मिश्र पंचमेश ने पढ़ा लगा पहरा हो कितना ही झलक तो मिल ही जाती है। इबादत है अगर सच्ची पलक तो खुल ही जाती है। जमाना अड़चनें बनकर हमेशा सामने आया, छुपाओ मुश्क को कितना ही महक तो मिल ही जाती है।
लवकुश शुक्ल ने प्रेमी और प्रेमिका के संवाद को पढ़ा सोने की चेन, रिस्ट वॉच , हैंडबैग,फोन, फोन का रिचार्ज वाई फाई का हिसाब दे।आइसक्रीम, पिज्जा वा बर्गर के साथ साथ, चांट, चाऊमीन,रसमलाई का हिसाब दे। हास्य कवि रोहित विश्वकर्म ने वर्तमान प्रेम को परिभाषित हुए पढ़ा बोला प्रेमी कभी आजमाओं मुझे, प्रेमिका बोली यह करके पाओ मुझे, फोन है बंद मेरा पड़ा आजकल, उसमें रीचार्ज करके दिखाओ मुझे। श्रंगार कवयित्री पिंकी अरविंद प्रजापति ने पढ़ा बिछाऊं जिसको वह पीत हो गये हो। मैं हार जाऊं खुद को वह जीत हो गये हो। अतुल शुक्ल ने पढ़ा बड़े सौभाग्य से बेटी भवन में जन्म लेती है l कितने भी प्रखर हो कष्ट उनको काट देती है। बाल कवि अखण्ड प्रताप कश्यप प्रखर ने पढ़ा ये समय चक्र चलता रहता जो कभी नहीं रुकने वाला, ये दौर तुम्हारा आया है फिर दौर हमारा आयेगा। नवनीत मिश्र नवल ने पढ़ा समर्पित वतन को जवानी लिखेंगे, शहीदों की पावन कहानी लिखेंगे। व्यंग्यकार अनिल यादव अनिकेत ने पढ़ा पक्ष लिखो न विपक्ष लिखो, अगर जिन्दा हो निष्पक्ष लिखो l आर डी वर्मा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
इस मौके पर धीरज श्रीवास्तव, सती प्रसाद मिश्र, चन्द्रशेखर, रामसागर, राजकुमार, शिवम् पाण्डेय, कलीम खान, नेहा, शिव नाडर फाउंडेशन के प्रतिनिधि सहित अन्य मौजूद रहे।