सहारनपुर जनपद फर्जी दस्तावेज तैयार करने वालों का गढ़ बन चुका है। एटीएस और पुलिस की कार्रवाई में इसका खुलासा हुआ है।भोपाल में पकड़े गए संदिग्ध आतंकियों ने सहारनपुर से आधार कार्ड, पहचान पत्र और पैन कार्ड फर्जी नामों से बनवाए। इसी तरह एक गिरोह बैंकों को 15 करोड़ से अधिक की चपत लगा चुका है, जिसने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कई बैंकों से ऋण लिया।
इन मामलों में सरकारी तंत्र और जनसेवा केंद्रों के संचालकों की भूमिका भी संदिग्ध मिल चुकी है, लेकिन पुलिस ने मुख्य आरोपियों के खिलाफ तो कार्रवाई की, लेकिन प्रमाण पत्र तैयार करने वालों को नहीं दबोचा गया। नगर कोतवाली पुलिस फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ऋण लेने वाले 20 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन यह कहां से फर्जी दस्तावेज बनवाते थे, इसकी भी पुष्टि की गई, लेकिन अभी आरोपी नहीं दबोचे गए। आरोपियों ने फर्जी नामों से बैंकों में खाते भी खुलवा रखे थे। इतना ही नहीं, आधार कार्ड, पैन कार्ड और पहचान पत्र भी जमा कर रखे थे। इसी तरह भोपाल में पकड़े गए संदिग्ध चार आतंकियों ने भी सहारनपुर से ही फर्जी दस्तावेज तैयार कराए हैं। हालांकि, अब फर्जी दस्तावेज बनाने वालों को भोपाल एटीएस यूपी एसटीएस की मदद से तलाश रही है। ऐसे कई मामले जनपद में सामने आ चुके हैंभोपाल एसटीएस ने दो दिन पूर्व संदिग्ध चार आतंकियों को पकड़ा है, जिन्होंने सहारनपुर से फर्जी नाम से आधार कार्ड, पहचान पत्र, पैन कार्ड बनवाना स्वीकार किया है। इसी तरह फरवरी में एकता कॉलोनी से पकड़े गए बांग्लादेशी पिता-पुत्र ने भी सहारनपुर में रहते हुए फर्जी नामों से आधार कार्ड और पहचान पत्र बनवाए थे।जनवरी माह में नगर कोतवाली पुलिस ने साकिब निवासी पुरानी मंडी, मोहम्मद नवाज निवासी कंबोह का पुल व गुलफाम उर्फ शानू निवासी मोहल्ला सब्जी मंडी मुजफ्फरनगर को पकड़ा था। इन्होंने जोगियान पुल स्थित बैंक से फर्जी दस्तावेज के आधार पर 20 लाख लोन लिया था। इसके अलावा कई बैंकों से इसी तरह ऋण लेकर हड़पने की बात स्वीकार की।।