
नैमिष टुडे
अभिषेक शुक्ला
कसमंडा सीतापुर आपको बता दें कि विकासखंड कसमंडा के अंतर्गत रहने वाले सत्येंद्र कुमार शुक्ला उर्फ पिंटू शुक्ला उम्र लगभग 50 वर्ष बहुत ही मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे वह हर वर्ग के लोगों के साथ सुख-दुख में खड़े रहने का प्रयास करते थे उन्होंने अपना पूरा जीवन बच्चों को शिक्षा देने में गुजार दिया प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनांक 27 सितंबर को सुबह शुक्ला जी अपने घर से प्राइवेट स्कूल विनोदिनी स्मारक कुसमोहरा में पढ़ाने के लिए गए थे वही उनका कुछ स्वास्थ्य खराब हो गया वह इस स्कूल में प्रधानाध्यापक के तौर पर कार्यरत थे तबीयत खराब होने पर उनके अधीनस्थ मास्टरों ने स्कूल से कुछ ही दूरी पर डॉक्टर रामदीन गुप्ता पतारा कला में अपना क्लीनिक चलाते हैं वहां ले गए वहां पहुंचने पर बिना जांच के डॉक्टर रामदीन ने उनको कई इंजेक्शन और लगातार तीन ग्लूकोस चढ़ा दिए फिर भी कोई फायदा ना होने पर परिजनों को सूचित किया गया परिजनों ने उनको लेकर निवास स्थान उसरी घर पर ले आए रात गुजारने के बाद उनकी तबीयत में कोई सुधार न होने पर उनको निजी वाहन से विवेकानंद ले जाया जा रहा था परंतु उनकी रास्ते में ही मृत्यु हो गई परिजनों का कहना है कि बिना जांच किए डॉक्टर ने इलाज किया उस कारण इनको दिक्कत हुई उनकी मृत्यु की सूचना मिलते ही क्षेत्र के सैकड़ो लोग उनके अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंचे स्कूल का समस्त स्टाफ बच्चे अभिभावक व क्षेत्र के अधिकांश लोग पहुंचे, लोगों का कहना है कि सत्येंद्र कुमार शुक्ला बहुत ही मिलनसार थे सबसे हंसकर बोलना व सबकी मदद में हमेशा आगे रहते थे वह छोटे बच्चों से बहुत ही ज्यादा स्नेह रखते थे सत्येंद्र कुमार शुक्ला अपने भाई बहनों में सबसे छोटे थे उनके परिवार में चार पुत्री व एक पुत्र हैं जिनमें से उन्होंने दो पुत्री का विवाह कर दिया था अब दो पुत्री और एक पुत्र हैं शोकाकुल परिवार में रामसनेही शुक्ला, रामहेत शुक्ला, राम प्रकाश शुक्ला, रवींद्र शुक्ला, राघव शुक्ला, प्रताप शुक्ला, प्रदीप शुक्ला, कुलदीप शुक्ला, धर्मेंद्र शुक्ला, पुत्र मोहित शुक्ला, पुत्रियां, पप्पी , राधा, कोमल, अंतिमा, आदि परिवार के सदस्यों सहित रिश्तेदार इष्ट मित्र क्षेत्रवासियो में शोक व्याप्त है वही उसरी गांव के लोगों का कहना है कि अधिकांश घरों में कोई न कोई व्यक्ति बुखार से पीड़ित है