नैमिष टुडे
अभिषेक शुक्ला
सीतापुर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व० रामलखन तिवारी की 18वीं पुण्यतिथि के अवसर पर नौजवानों ने उनके पौत्र रवि तिवारी “एडवोकेट” के साथ एक गोष्ठी व श्रद्धांजलि अर्पित कर पत्रकार बंधुओं को एक-एक डायरी एवं पेन देकर सम्मानित कर व पुष्प अर्पित कर उन्हे याद किया, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व० रामलखन तिवारी का जन्म 1906 मे लहरपुर तहसील मे स्थित गांव सिडकिला धनपुरिया मे किसान परिवार मे हुआ था इनकी प्राथमिक शिक्षा लहरपुर मे हुई! बाद मे बनारस विश्वविद्यालय से इन्होंने ज्योतिष मे स्नातक की उपाधि प्राप्त की! विधार्थी जीवन में उनका मन अंग्रेजो के अन्याय और अत्याचार से खिन्न रहता था! बाद में महात्मा गाँधी और सुभाष चंद्र बोस के विचारों का उनके जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा और युवा मन बगावत कर स्वतंत्रता आंदोलन मे कूद पड़े! स्वतंत्रता आंदोलन मे कूदने के बाद अंग्रेजो की यातना उन्हे कर्तव्य पथ से डिगा नही पायी और उन्होंने अपनी आजादी का सपना साकार किया हम सबको उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए उनका जन्म 1906 मे लहरपुर तहसील में स्थित गांव सिडकिला धनपुरिया मे हुआ था और उन्होंने अंतिम सांस 20 अगस्त 2005 को अपने निज निवास स्थान कमलापुर में ली यह सब बातें उनके पौत्र रवि तिवारी “एडवोकेट” ने बतायी! इस अवसर राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश महासचिव आर पी सिंह चौहान, अखिलेश पांडेय, आयुष तिवारी, वेद सिंह, रामू शुक्ल, विनय शुक्ल, शेष शुक्ल, अभिषेक शुक्ला, संजय, धीरेंद्र कश्यप, अश्वनी सोनी आदि लोग ने उन्हें पुष्प अर्पित कर व 2 मिनट मौन रखकर याद किया