प्रताड़ना से हत्या कर लेने के मांमले में न्यायालय का आदेश होने के बावजूद भी पुलिस नही दर्ज कर रही रिपोर्ट । 

प्रताड़ना से हत्या कर लेने के मांमले में न्यायालय का आदेश होने के बावजूद भी पुलिस नही दर्ज कर रही रिपोर्ट ।

 

मिश्रित सीतापुर /कोतवाली क्षेत्र के ग्राम मोहकमपुर निवासी राजेंद्र पुत्र छोट्टा ने मुख्य मंत्री उत्तर प्रदेश शासन सहित जनपद के कई उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया है । कि पीड़ित के 15 वर्षीय नाबालिग पुत्र नलवीर उर्फ विकास को गांव के ही निवासी रोहित पुत्र मुन्ना , प्रियांशू पुत्र नन्हे बहला फुसलाकर जुंआ खेलवाते थे । पीड़ित को इस बात की जानकारी होने पर वह आरोपियों के घर उलाहना लेकर गया । परंतु आरोपी गंदी गंदी गालियां देते हुए आमांदा फौजदारी होकर उसे घर से भगा दिया । और आरोपी उसके नाबालिग पुत्र को बराबर जुंवां खेलवाते रहे । जिससे उसके पुत्र पर 1500 रुपए उधारी हो गए । दोनों आरोपी उधारी पैसे देने के लिए उसके ऊपर दबाव बनाने लगे । उधारी पैसे न दे पाने की स्थिति में आरोपी उसके कपड़े उतरवाकर बेइज्जत करते हुए गलत जगह पर हांथ लगाने हेतु मजबूर करने लगे । आरोपियों की इस प्रताड़ना से पीड़ित का पुत्र मानसिक रूप से विक्षप्त होकर परेशान रहने लगा । पीड़ित को जब इस बात की जानकारी हुई । तो उसने आरोपियों को 1500 रुपए दे देने की बात कही । और फिर परेशान करने पर घर बताने की बात कहकर वह अपने खेतों में गेहूं की फसल काटने चला गया । परंतु आरोपियों की प्रताड़ना से परेसान उसके नाबालिग पुत्र ने दिनांक 10 अप्रैल को सायं 6 बजे के लग भग घर के अंदर फांसी के फंदे पर झूल कर आत्महत्या कर ली । पीड़ित द्वारा घटना की सूचना कोतवाली पुलिस को दी गई । मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भराकर शव पोस्ट मार्टम हेतु जिला मुख्यालय भेज दिया । तथा आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने का आश्वासन देकर शव का अंतिम संस्कार भी करा दिया । परन्तु आरोपियों की सांठ गांठ के चलते हेल्का दरोगा घरभरन चौधरी ने आरोपियों के बिरुध्द रिपोर्ट दर्ज न करके मांमले को रफा दफा कर दिया । जिससे पीड़ित ने आरोपियों के बिरुध्द रिपोर्ट दर्ज कराने हेतु प्रदेश शासन से लेकर जनपद के उच्चाधिकारियों तक कई शिकायती पत्र दिए । परंतु आरोपियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही करना तो बहुत दूर की बात है । मांमले में रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की गई । जिससे परेशान हाल पीड़ित ब्यक्ति ने न्यायालय की शरण ली । मामले में अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर 14 सीतापुर द्वारा मांमले की सुनवाई की गई । और कोर्ट ने मांमले पर कडा संज्ञान लेते हुए धारा 156 (3 ) द. प्र .सं. स्वीकार करते हुए थानाध्यक्ष मिश्रित को आदेशित किया था । कि 1 सप्ताह के अंदर वर्णित तथ्यों के आधार पर उचित धाराओं में आरोपियों के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करके मांमले की विवेचना विधि अनुसार की जाय । तथा कृत कार्यवाही से न्यायालय को अविलंब अवगत कराया जाय । न्यायालय द्वारा उपरोक्त आदेश दिनांक 6 मई को दिया गया था । परंतु आज 22 मई बीत जाने के बाद भी अभी तक कोतवाली पुलिस द्वारा आरोपियों के विरुद्ध रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की गई है । इस लिए पीड़ित व्यक्ति ने जिला प्रशासन व प्रदेश शासन का ध्यान इस ओर आकर्षित कराते हुए आरोपियों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराकर कार्यवाही करने की मांग की हैं ।

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