उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं और बीजेपी और सपा की ओर से सरकार बनाने के दावे किए जा रहे हैं। बीजेपी का दावा इस मामले में भी महत्वपूर्ण है कि पिछले तीन दशकों में यूपी में ऐसी कोई सरकार नहीं बनी जिसकी बैक टु बैक सत्ता में वापसी हुई हो।मायावती हों या अखिलेश सबको जनता ने एक बार पुर्ण बहुमत के साथ मौका दिया लेकिन दोनों जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाए। इसके पीछे यूपी के कुछ मिथक भी हैं जिनकी चर्चा करनी जरूरी है। इस बार चुनाव के बाद एक्जिट पोल में यूपी में दोबारा योगी की सरकार बनती दिखायी दे रही है। तो क्या इस बार पिछले तीन दशकों का रिकॉर्ड और यूपी के मिथक टूटेंगे ?योगी ने अंधविश्वास को किया दरकिनार
दरअसल यूपी में जब मायावती और अखिलेश की सरकार बनी तो एक मिथक बना दिया गया था कि जो सीएम नोएडा का दौरा करता है उसकी सत्ता में वापसी नहीं होती है। इन सारे दावों को दरकिनार करते हुए योगी की नोएडा औद्योगिक केंद्र में पहली यात्रा 23 सितंबर, 2017 को हुई थी। उन्होंने बॉटनिकल गार्डन-कालकाजी मैजेंटा मेट्रो लाइन के उद्घाटन के लिए पीएम मोदी की यात्रा से पहले व्यवस्था की जांच करने के लिए शहर का दौरा किया था। दो दिन बाद 25 सितंबर को वह पीएम मोदी के साथ मेट्रो लाइन का उद्घाटन करने पहुंचे थे।
योगी ने वादा किया था- नोएडा आता रहूंयोगी ने शहर के विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ कई बैठकें भी की थीं. 2018 में, वह पीएम की यात्रा की व्यवस्था की निगरानी के लिए 8 जुलाई को नोएडा पहुंचे। एक दिन बाद वह नोएडा में सैमसंग की दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फैक्ट्री के उद्घाटन के मौके पर शहर पहुंचे। अंधविश्वास के बारे में बात करते हुए, सीएम योगी ने कहा था, “मैं अब नोएडा का दौरा करता रहूंगा। मैं ऐसे झंझटों में विश्वास नहीं करता। और लोग हमें वोट देना जारी रखेंगे ताकि हम नोएडा आते रहें।”
1988 के बाद कोई सीएम नहीं गया था नोएडागा