महर्षि दधीचि की पावन तपो भूमि पर चल रहे होली परिक्रमा मेला महोत्सव का किया उद्घाटन

मिश्रिख सीतापुर / महर्षि दधीचि की पावन तपो भूमि पर चल रहे होली परिक्रमा मेला महोत्सव में आज मुख्य अतिथि राज्य मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार सुरेश राही व विशिष्ट अतिथि महेंद्र सिंह यादव पूर्व विधायक विसवां के द्वारा दीप प्रज्वलित कर रामायण कान्सक्लेव कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया । इस मौके पर महर्षि दधीचि मंदिर के पुजारी आचार्य राहुल शर्मा ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत कराई । आयोजित कार्यक्रम संस्कार भारती उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजिक किया है । कार्यक्रम में मंच का संचालन प्रभात ने किया । उन्होंने सभी अतिथियों का आभार ब्यक्त करते हुए स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित कराया । संस्कार भारती के समन्वय गिरीश चंद्र मिश्र ने लोक और शिल्प कला के अंतर्गत सभी अतिथियों को एक एक टोकरी बेर भेंट कर सम्मानित किया । उसके बाद कार्यक्रम का संचालन शुरू किया गया । कार्यक्रम आयोजक गिरीश चंद्र मिश्र ने कहा रामायण कान्सक्लेव उद्घाटन सत्र कार्यक्रम दो दिवसीय कार्यक्रम है । जिसमें विशेष रूप से रामायण और राम के आदर्शों पर चर्चा की जाएगी । ताकि राम के आदर्श लोगों तक पहुंच सके । यह कार्यक्रम चित्रकूट से शुरू हुआ है । और रामनवमी को अयोध्या में इसका समांपन किया जाएगा । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्य मंत्री सुरेश राही ने सभी का आभार व्यक्त किया । उन्होने कहा कि लोग धार्मिक संस्कारों से भटक गए है । इस लिए ऐसे धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होना आवश्यक है । महर्षि वाल्मीकि ने संस्कृत में रामायण का वर्णन किया है । तुलसीदास ने अवधी भाषा में रामायण का वर्णन किया है । इसी तरह अन्य कवियों द्वारा विभिन्न प्रकार की भाषाओं में रामायण का वर्णन किया गया है । ऐसे पवित्र ग्रंथ पर जो टिप्पणी करते हैं वह समाज के कलंक है । राम के आदर्शों पर सभी को चलने हेतु प्रेरित किया । उन्होने कहा रामायण पाठ करने से सभी के कष्ट दूर हो जाते हैं । मेला अधिकारी / उपजिलाधिकारी अनिल कुमार ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया । इस अवसर पर मुख्य प्रवक्ता प्रोफेसर हरिशंकर मिश्र ने सभी का आभार व्यक्त किया । तथा ऋषि परंपरा और रामकथा में लोक का विशेष महत्व बताया । उन्होंने कहा यह पावन भूमि रामकथा के संदर्भ में पहले से चर्चित है । वेदव्यास ने यहीं पर सभी वेदों और उपनिषदों की रचना की है । रामायण और वेद राम कथा सब लोक कल्याण के लिए ही हैं । जिससे लोक कल्याण का विशेष महत्व है । सभी प्रकार के आयोजन लोक कल्याण के लिए ही आयोजित किए जाते है । महर्षि बाल्मीकि ने रामकथा को विस्तार से वर्णित किया है । ऋषि परंपरा वहीं से शुरू हुई है । रामकथा का वर्णन उत्तर एशिया से लेकर इंडोनेशिया तक विभिन्न भाषाओं में अलग अलग चल रहा है । मुस्लिम भी रामकथा का अनुसरण करते हैं । अयोध्या से आए बाबा दिलीप दास त्यागी ने कहा कि धर्म ऋषि परंपरा से शुरु हुआ है । धर्म क्या है । जब धर्म की स्थापना हुई है । तभी मानवता की स्थापना हुई है । इस लिए सभी ऋषि गांव गांव जाकर लोगों में धर्म जागृत करते हुए मूर्तियों की स्थापना की थी । जिससे समाज की स्थापना हुई है । आयोजित कार्यक्रम में प्रस्तावक सामान्यक गिरीश चंद्र मिश्र प्रो. हरिशंकर मिश्र हिंदी विभाग लखनऊ ,सुधाकर अदीब पूर्व निदेशक हिंदी संस्थान , बाबा दिलीप दास त्यागी अयोध्या , प्रोफेसर ओमप्रकाश पूर्व विभागाध्यक्ष ल.वि.वि. के साथ ही अपरजिलाधिकारी राम भरत त्रिपाठी , सीओ शुशील कुमार यादव आदि लोग उपस्थित रहे ।

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