नई सोच नई एप्रोच

नई सोच नई एप्रोच

 

आज का भारत तेज़ सोचता है, दूर की सोचता है और तुरंत फैसले लेता है

 

भारत की लगातार बढ़ती सफ़लताओं से क्षमताओं का वैश्विक आगाज़ – एडवोकेट किशन भावनानी

 

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर भारत की गूंज लगातार बढ़ती जा रही है। भारत दिनों दिन लगातार सफ़लताओं के ऐसे चौके छक्के लगा रहा है जिसे देखकर दुनिया हैरान है।क्योंकि हम भारतीय हैं हमारा उसूल है मन स्वस्थ्य है तो तन स्वस्थ है, मन तन स्वस्थ है तो घर स्वस्थ है और घर स्वस्थ है तो देश को स्वस्थ रखने में कोई कोर कसर सच्चा भारतीय नहीं छोड़ता इसीलिए अब हम दूर की सोचते हैं, विज़न 2047 बनाकर उसपर चल पड़े हैं। उम्मीद है डेडलाइन के पूर्व ही हम अपेक्षित लक्ष्यों को प्राप्त कर लेंगे, क्योंकि जिस तेजी के साथ हम हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं,उससे मंजिल करीब होने का एहसास हर भारतीय महसूस कर रहा है। हमारी प्राथमिकता आत्मनिर्भर भारत बनाने की है जिसके लिए हम स्वरोजगार संस्कृति की ओर कौशलता विकास की सहायता से तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं, जिससे हर भारतीय रोजगार लेने वाला नहीं देने वाला बनाया जाएगा जिससे परदेसियों को भी यहां जॉब ढूंढने के लिए आना पड़ सकता है। अब हम अपने जनसंख्यकियतंत्र को कौशलता का कवर चढ़ाने तेजी से आगे बढ़ रहे हैं जिससे जनसंख्या का मंत्र, समस्या नहीं समाधान शीघ्र उपलब्ध होगा।अब हम स्वास्थ्य कृषि परिवहन शिक्षा रक्षा सहित सभी क्षेत्रों में नए आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के सुधारों की ओर आगे बढ़ गए हैं, जिससे सुखद लाभदायक बहुआयामी परिणाम आने वाले वर्षों में तीव्रता से देख सकेंगे। चुंकि दिनांक 14 फ़रवरी को देर शाम पीएम द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन और फ्रांस के राष्ट्रपति मेक्रों से वर्चुअल बैठक समझा कर समझौतों पर संतुष्टि जताई है तथा 13 फ़रवरी 2023 को बेंगलुरु में 5 दिनों तक चलने वाले 14वें एयरो इंडिया 2023 काउद्घाटन माननीय पीएम में किया और मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड और दी रनवे टू अ बिलियन अपॉर्चुनिटीस की विषय वस्तु के साथ शुरू किया, जिसमें 80 से अधिक देशों का भाग लेना करीब 100 विदेशी और 800 भारतीय रक्षा कंपनियों शामिल होंगी और स्वदेशी उपकरणों प्रौद्योगिकियों को देखकर हम अंदाज लगा सकते हैं कि, हम रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की ओर तेज़ी से बढ़ चुके हैं।

साथियों बात अगर हम दिनांक 14 फ़रवरी 2023 को देर शाम अमेरिकन राष्ट्रपति और फ्रांस के राष्ट्रपति से वर्चुअल बैठक पर ऐतिहासिक समझौतों की घोषणा के स्वागत की करें तो दोनों देशों के नेताओं से मिलकर वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत होने पर संतुष्टि जाहिर की जिससे के चलते सभी डोमेन में वृद्धि देखी गई है। जो बाइडेन और भारतीय पीएम ने एयर इंडिया व बोइंग के बीच हुए ऐतिहासिक समझौते की घोषणा का स्वागत किया जिससे दोनों देशों में रोज़गार के नए अवसर प्राप्त होंगे वहीं फ्रांस के राष्ट्रपति मेत्रो के साथ समझौते पर भी खुशी जाहिर की अमेरिका से एयर इंडिया 34 अरब डॉलर में 220 विमान खरीदेगी। इसके अलावा 70 और विमान खरीदने का विकल्प भी रखा गया है। इससे कुल सौदा 45.9 अरब डॉलर के करीब पहुंचेगा। इस बीच पीएम ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से फोन पर बात की और इस ऐतिहासिक समझौते पर चर्चा की। पीएमने बोइंग और अन्य अमेरिकी कंपनियों को भारत में नागरिक उड्डयन क्षेत्र के विस्तार करने और अवसरों का उपयोग करने के लिए आमंत्रित किया। दोनों नेताओं ने हाल ही में वाशिंगटन डीसी में क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज पर पहल की पहली बैठक का स्वागत किया और अंतरिक्ष, सेमी-कंडक्टर, रक्षा और अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की इच्छा व्यक्त की। पीएम ने 14 फरवरी को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक की दोनों नेताओं ने एअर इंडिया और एयरबस के बीच एक नई साझेदारी के शुभारंभ कार्यक्रम में भाग लिया। टाटा ग्रुप ने अपनी एयरलाइन एअर इंडिया के लिए 250 विमान खरीदने को लेकर फ्रांस की कंपनी एयरबस के साथ डील की है और दोनों ने मंगलवार को इस डील पर हस्ताक्षर किए। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति ने पीएम से मुलाकात को लेकर खुशी जताई, उन्होंने कहा कि हम क्षेत्रीय संपर्क योजना उड़ान के माध्यम से देश के सुदूर हिस्से भी एयर कनेक्टिविटी से जुड़ रहे हैं, जिससे लोगों के आर्थिक एवं सामाजिक विकास को बढ़ावा मिल रहा है। भारत की मेक इन इंडिया – मेक फॉर द वर्ल्ड विजन के तहत एयरोस्पेस मैन्यूफैक्चरिंग में अनेक नए अवसर खुल रहे हैं।उन्होंने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर और बहुपक्षीय प्रणाली की स्थिरता और संतुलन सुनिश्चित करने में भारत-फ्रांस भागीदारी प्रत्यक्ष भूमिका निभा रही है। चाहे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता का विषय हो या वैश्विक खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रणाली, भारत और फ्रांस साथ मिलकर सकारात्मक योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर और बहुपक्षीय प्रणाली की स्थिरता और संतुलन सुनिश्चित करने में भारत-फ्रांस भागीदारी प्रत्यक्ष भूमिका निभा रही है। चाहे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता का विषय हो या वैश्विक खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रणाली, भारत और फ्रांस साथ मिलकर सकारात्मक योगदान दे रहे हैं।

साथियों बात अगर हम 5 दिनों तक चलने वाले14 वें एयरो इंडिया 2023 पर पीएम के संबोधन की करें तोएयरो इंडिया 2023 को नये भारत की बदलती सोच का प्रतीक बताते हुये पीएम ने कहा,जब कोई देश, नई सोच, नये अप्रोच के साथ आगे बढ़ता है, तो उसकी व्यवस्थाएं भी नई सोच के हिसाब से ढलने लगती हैं। पीएम ने उस समय को याद किया जब एयरो इंडिया केवल एक प्रदर्शनी और भारत के लिये एक बाजार हुआ करता था, लेकिन अब यह अवधारणा बदल चुकी है। उन्होंने कहा, आज, एयरो इंडिया केवल प्रदर्शनी मात्र नहीं है, बल्कि वह भारत की ताकत दर्शाता है। पीएम ने कहा कि ऐसा वह इसलिये कहते हैं कि यह केवल रक्षा उद्योग की संभावनाओं को परिलक्षित नहीं करता है, बल्कि भारत के आत्म-विश्वास को भी प्रकट करता है। उन्होंने कहा कि एयरो इंडिया न्यू इंडिया के विज़न को दिखाता है। आज, यह सिर्फ एक शो नहीं बल्कि भारत की ताकत भी है, यह भारत की डिफेंस इंडस्ट्री और आत्मविश्वास के दायरे पर ध्यान केंद्रित करता है। एयरो इंडिया के साथ रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन और सीईओ गोलमेज के आयोजन का उल्लेख करते हुये श्री मोदी ने कहा कि रक्षा सेक्टर में सक्रिय भागीदारी से एयरो इंडिया की क्षमता बढ़ेगी। पीएम ने कहा कि बेंगलुरु का आसमान आज नए भारत के सामर्थ्य का साक्षी बन रहा है, यह नई ऊंचाई नये भारत की सच्चाई है। आज भारत नई ऊंचाइयों को छू भी रहा है और उन्हें पार भी कर रहा है। सुधारों की मदद से हर सेक्टर में आने वालेक्रांतिकारी बदलावों के आलोक में कहा, 21वीं सदी का भारत, अब न कोई मौका खोयेगा और न ही अपनी मेहनत में कोई कमी रखेगा। जो देश दशकों से सबसे बड़ा रक्षा आयातक था, उसने अब दुनिया के 75 देशों को रक्षा उपकरण निर्यात करने शुरू कर दिए हैं।भारत की सफलताओं को उसकी क्षमताओं में देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि तेजस, आईएनएस विक्रांत, सूरत और टुमकुर में उन्नत निर्माण सुविधाओं की मौजूदगी आत्मनिर्भर भारत की क्षमता प्रकट करती हैं, जिनसे विश्व के नये विकल्प व अवसर जुड़े हैं। विगत आठ-नौ वर्षों में रक्षा सेक्टर में आने वाले बदलाव का उल्लेख करते हुये कहा कि लक्ष्य यह है कि वर्ष 2024-25 तक रक्षा निर्यात को 1.5 अरब से बढ़ाकर पांच अरब कर दिया जाये। सबसे बड़े रक्षा उत्पादक देशों में शामिल होने के लिये भारत तेज कदमों से आगे बढ़ेगा तथा हमारा निजी क्षेत्र और निवेशक इसमें बड़ी भूमिका निभायेंगे, तथा निजी सेक्टर का आह्वान किया कि वह रक्षा सेक्टर में निवेश करे, जिससे भारत और कई अन्य देशों में उनके लिये नये अवसर पैदा होंगे।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन करउसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि नई सोच नई एप्रोच। आज का भारत तेज़ सोचता है, दूर की सोचता है और तुरंत फ़ैसले लेता है। भारत की लगातार बढ़ती सफ़लताओं से क्षमताओं का वैश्विक आगाज़ हुआ है।

 

*-संकलनकर्ता लेखक – कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र*

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

नमस्कार,नैमिष टुडे न्यूज़पेपर में आपका स्वागत है,यहाँ आपको हमेसा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे 9415969423 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें
%d bloggers like this: