नारी कमजोर नहीं शक्ति का प्रतीक है उसके सम्मान और सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर शक्ति दीदी और उनकी टीम।

हिमांशु द्विवेदी/नैमिष टुडे 

छिबरामऊ:नारी कमजोर नहीं शक्ति का प्रतीक है उसके सम्मान और सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर शक्ति दीदी और उनकी टीम।

“नारी कमजोर नहीं, बल्कि शक्ति का प्रतीक है। उसकी गोद से ही सृष्टि का निर्माण होता है।”

इस विचार को जीता-जागता रूप देती दिखी छिबरामऊ की मिशन शक्ति टीम, जिसने मंगलवार को न केवल महिलाओं और छात्राओं के आत्मविश्वास को बढ़ाया बल्कि शोहदों को सख्त संदेश भी दिया—

अब बेटियां अकेली नहीं हैं, उनके साथ शक्ति दीदी हैं।”

विद्यालय में बढ़ा मनोबल, दिलाया सुरक्षा का भरोसा

मिशन शक्ति फेज 5.0 के अंतर्गत छिबरामऊ नगर के किड्जी पब्लिक स्कूल में छात्राओं से शक्ति टीम ने संवाद स्थापित किया।

टीम ने कहा कि अब समाज में उनकी सुरक्षा का दायित्व पुलिस प्रशासन का है।

बेटियों का मनोबल बढ़ाते हुए उन्हें सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और आपातकालीन सेवाओं—महिला हेल्पलाइन 1090, आपातकालीन नंबर 112, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, एंबुलेंस 108 और महिला चिकित्सकीय सहायता 181—की विस्तार से जानकारी दी गई।

छात्राओं के चेहरों पर मुस्कान और आत्मविश्वास देखकर साफ था कि यह पहल उनके भीतर एक नई ऊर्जा भर गई है।

शोहदों पर कसा शिकंजा

विद्यालयी संवाद के बाद टीम सीधे पश्चिमी बायपास पहुँची, जहां भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों और मंदिर परिसर के आसपास खड़े होकर महिलाओं से छेड़छाड़ करने वाले शोहदों को चिन्हित किया गया।

सड़क पर तीन सवारी बैठाकर नियम तोड़ने वालों को भी रोका गया और उन्हें मौके पर सख्त चेतावनी दी गई।

यह केवल चेकिंग अभियान नहीं था, बल्कि एक स्पष्ट संदेश था कि अब छिबरामऊ में महिलाओं के सम्मान से खिलवाड़ करने वालों की कोई जगह नहीं।

जागरूकता और संवेदनशीलता का संगम

इस अभियान की खासियत रही कि शक्ति दीदी केवल दंड देने तक सीमित नहीं रहीं।

उन्होंने युवाओं और माताओं-बहनों से सीधा संवाद किया और समझाया कि—

महिला सुरक्षा केवल कानून का मुद्दा नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी है।

सच्चा पुरुष वही है जो नारी का सम्मान करे।

उनके यह शब्द लोगों के दिलों को छू गए।

नेतृत्व में दिखाई टीम की मजबूती

अभियान का नेतृत्व अतिरिक्त निरीक्षक बृजमोहन कर रहे थे।

उनके साथ सब इंस्पेक्टर अंकिता तिवारी, कॉन्स्टेबल शिवानी पाराशर, पूजा अवस्थी और कांस्टेबल जर्मन सिंह जैसे जुझारू सदस्य मौजूद रहे।

इन सभी की टीमवर्क और प्रतिबद्धता ने अभियान को और प्रभावशाली बना दिया।

मिशन शक्ति का संदेश

इस अभियान के बाद महिलाओं और छात्राओं के दिलों में यह भरोसा और मजबूत हो गया कि—

महिला सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा।

नारी केवल परिवार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की शक्ति है।

जब नारी सम्मानित होगी तभी समाज प्रगतिशील बनेगा।

छिबरामऊ की मिशन शक्ति टीम ने यह साबित कर दिया कि वे केवल कानून की रक्षक नहीं, बल्कि नारी गरिमा की सच्ची प्रहरी भी हैं।

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