
∆वीडियो फोटो सोशल मीडिया पर वायरल के बाद समाचार पत्रों में बनी सुर्खियां तो इस कारण से हुआ साक्ष्य मिटाने का प्रयास हो रही चर्चाएं
नैमिष टूडे
सकरन,सीतापुर। भ्रष्टाचार को लेकर प्रदेश सरकार का कड़ा रूख किसी से छिपा नहीं है उसके बावजूद भी नियमों को दरकिनार कर कार्य हो और कार्यवाही न हो सवाल खड़ा होता है कि आखिर ऐसा क्यों है की नियम विपरीत कार्य हो रहा है और उसके बावजूद भी कार्यवाही सिफर नजर आ रही है। बताते चलें कि मामला शिक्षा विभाग से जुड़ा हुआ है।बताते चलें कि राजकीय इंटर कॉलेज सांडा में प्रधानाचार्य द्वारा बिना विभागीय अनुमति नीलामी किए बिना ही विद्यालय संपत्ति के पेड़ों कटवा दिया गया।सोशल मीडिया के दखल के बाद वायरल वीडियो और फोटो से हकीकत सामने आई।जीआईसी सांडा के प्रधानाचार्य तानाशाही रवैया तो तब देखने को मिला जब उनके द्वारा किए गए भ्रष्टाचारमय कृत्य पर समाचार पत्रों की सुर्खियां बनी तो आनन-फानन में साक्ष्य मिटाने का प्रयास करते हुए काटे गए पेड़ों की जड़े हटवा दी गई।परंतु क्षेत्र में चर्चाओं का विषय बन चुका जीआईसी सांडा विद्यालय अब आम जनमानस की जुबा पर है की विद्यालय संपत्ति के पेड़ों को काटकर और उनकी जड़े हटाकर आखिर क्या सिद्ध करना चाहते हैं,प्रधानाचार्य जगत नारायण सिंह !फिलहाल मामले की शिकायत मुख्यमंत्री उप्र सहित जिलाधिकारी सीतापुर व जिला विद्यालय निरीक्षक सीतापुर से भी की जा चुकी है।अब यह मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में है,तो वही बातें हो रही हैं की जांच हुई तो कार्यवाही होना भी सुनिश्चित है क्योंकि जिस तरह से साक्ष्य मिटाने का प्रयास हुआ है ।
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डीआईओएस सीतापुर कहते हैं
डीआईओएस से जानकारी ली गई पूंछा गया की जीआईसी सांडा में पेड़ काटने का मामला प्रकाश में आया है तो बताया गया की हमारी जानकारी में नहीं है अगर ऐसा है तो प्रकरण की जांच कराई जाएगी।