
बाढ़ से किसानों की कमर टूटी
खेतों में ही सड़ गयी धान की सैकड़ों बीघा फसल
श्रवण कुमार मिश्र
सीतापुर / इस बार फिर से तहसील के जहांगीराबाद क्षेत्र में गत मांह में अचानक खेतों में बाढ़ का पानी भर जाने से धान की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गयी है । जिससे किसान एक बार फिर त्राहि त्राहि कर उठा है । गतवर्ष भी बरसात के अंत में बंधा कट जाने से क्षेत्र में बाढ़ के पानी से भारी तबाही हुई थी। दर्जनों गांवों के सैकड़ों एकड़ खेतों में लगी धान की फसल नष्ट हो गयी थी।कई दिनों तक बाढ़ का पानी खेतों में भरा रहा । अभी किसान उस परेशानी से उबर नही पाए थे । कि लगातार दूसरी बार भी किवानी नदी में पानी छोड़ दिये जाने से नदी के किनारे बसे जहांगीराबाद,पटनी, पटना , बघेलिया, टेढ़ीपुरवा, रेवान, रेवनिया, तिलरवा, छठवान, देवरियाखुर्द, दानपुरवा, अहरोरी, गोधनी सरैंय्या, बजेहरा, फरदापुरव मवासेपुर आदि दर्जनों गांवों के खेतों में बाढ़ का पानी भर जाने से बहुत से किसानों की फसलें खेतों में सड़ गई है । जिससे किसान की कमर ही टूटी गयी । किसान कमलेश कुमार गौड़ उर्फ मंगू , वेद प्रकाश, अशोक श्रीवास्तव, अनुराग पाठक, विजय श्रीवास्तव, संजय श्रीवास्तव,उमेश गौड़, हरिनाम वर्मा, विजय रस्तोगी, बैजनाथ, श्याम कुमार, माधौराम,सफीक अहमद, रफीक अहमद, दिलीप कुमार व दिनेश कुमार सहित क्षेत्र के सैंकड़ों किसानों की सैकड़ों बीघा धान की फसल नष्ट हो गयी है। क्षेत्रीय लेखपाल नीलेश कुमार यादव ने बाढ़ के पानी से नष्ट हुई फसलों का सर्वे कराकर सभी किसानो को सहायता दिलाए जाने की मांग की है।