
तारीख़ कोई भी हो, लेकिन जिस तारीख़ को किसी महान शख़्सियत का जन्मदिन पड़े, वह तारीख़ इतिहास बन जाती है. फिर दो अक्तूबर तो तारीख़ को तो दो महान शख़्सियतों का जन्मदिन है. एक तो मोहनदास करमचंद गांधी का, जिन्हें आदर से महात्मा और प्यार से बापू कहा गया.दूसरे हमारे आज़ाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री का. बतौर प्रधानमंत्री शास्त्री जी का कार्यकाल बहुत छोटा रहा, लेकिन वे अपने संक्षिप्त कार्यकाल में इतना बड़ा काम कर गए कि इतिहास उन्हें भुला नहीं सकता.
ग़रीबी और भूख से जूझते इस देश में सबको पेट भर अन्न दिया और तीन वर्ष पहले चीन से युद्ध के दौरान जिस राष्ट्रीय शर्म से देश को जूझना पड़ा था, उस शर्म को पाकिस्तान से युद्ध जीत कर चुकता कर दिया. जय जवान, जय किसान का उनका नारा इतना लोकप्रिय हुआ था, कि भूख से मरना और शत्रु से डरना दोनों ख़त्म हो गए.