सीतापुर जिलाधिकारी अनुज सिंह ने गुरूवार को तहसील बिसवां क्षेत्रान्तर्गत बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों एवं बाढ़ चौकियों का निरीक्षण कर बाढ़ से राहत एवं बचाव के लिये की गयी व्यवस्थाओं का आकस्मिक निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये। जिलाधिकारी ने बाढ़ चौकी मारूबेहड़ (चहलारी रोड) के अतिरिक्त ग्राम पासिनपुरवा, गोलोक कोड़र, चहलारी घाट आदि गांवों का भी स्थलीय निरीक्षण किया। बाढ़ से बचाव के लिये बनाये गये बांधों की स्थिति को भी देखा।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि बाढ़ राहत से संबंधित समस्त कार्यों को समय से पूर्ण किया जाना सुनिश्चित करें। बाढ़ चौकी पर आवश्यक राहत सामग्री की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी जिलाधिकारी ने दिये। उन्होंने कड़े निर्देश दिये कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों एवं पशुओं को समय से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचानें हेतु आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किये जायें। तटों के अधिक नजदीक बसे लोगों को कम से कम 50 मीटर पीछे अवश्य हटने के निर्देश भी जिलाधिकारी ने दी। उन्होंने ग्रामीणों से वार्ता कर उनकी समस्याओं के विषय में जानकारी ली तथा समस्याओं के प्रभावी निस्तारण के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये। बम्बू क्रेटिंग के साथ-साथ अन्य कटान रोधी प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रधानों, लेखापालों को निर्देशित किया कि तहसीलदार से समन्वय करते हुये सूचनाओं का समय से अदान प्रदान सुनिश्चित करें व बाढ़ बचाव हेतु सिंचाई विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों में सहयोग करें। खण्ड विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सोलर लाईटों की व्यवस्था सुनिश्चित करायें। सर्च लाईट, पेट्रोमेक्स अन्य आवश्यक उपकरणों की पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कड़े निर्देश दिये कि बढ़ते बाढ़ के स्तर की सूचना तत्काल जनता को अवश्य दी जाये।
जिलाधिकारी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बेसहारा पशुओं के लिये पर्याप्त आश्रय स्थल एवं भूसा व हरा चारा का प्रबंध करने के निर्देश देते हुये उन्हें आश्रय स्थलों तक पहुंचानें हेतु आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश भी दिये। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बेसहारा पशुओं को फल इत्यादि भी खिलाया।
निरीक्षण के दौरान तहसीलदार अविचल प्रताप सिंह, अधिशासी अभियंता शारदा नहर विशाल पोरवाल सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।