दिल्लीः रक्षा सेवाओं में भर्ती की केंद्र सरकार की नई ‘अग्निपथ योजना’ पर लगातार सवाल उठा रहे भाजपा के सांसद वरुण गांधी ने शुक्रवार को कहा कि इस योजना के तहत सेना में शामिल ‘अग्निवीर’ यदि पेंशन के हकदार नहीं हैं तो वह भी बतौर सांसद अपनी पेंशन छोड़ने को तैयार हैं। उन्होंने सांसदों से विधायकों के समक्ष यह सवाल उठाया कि क्यों न सभी अपनी पेंशन छोड़ दें और ‘अग्निवीरों’ के लिए पेंशन की सुविधा सुनिश्चित करें।
ज्ञात हो कि ‘अग्निपथ योजना’ भारतीय सेना के तीनों अंगों थलसेना, वायुसेना और नौसेना में विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा लाई गई एक नयी योजना है। इसमें भर्ती होने वाले युवाओं को ‘अग्निवीर’ के रूप में जाना जाएगा और उनका कार्यकाल चार सालों का होगा। सेवानिवृत्ति के बाद वह पेंशन के हकदार नहीं होंगे। सेना में अब सारी भर्ती ”अग्निपथ योजना” के तहत ही होगी। भर्ती के इस नए मॉडल की घोषणा के बाद से ही देश के कई हिस्सों में हिंसक विरोध देखा गया है।
वरुण गांधी ने एक ट्वीट में कहा, ‘अल्पावधि की सेवा करने वाले अग्निवीर पेंशन के हकदार नही हैं तो जनप्रतिनिधियों को यह ‘सहूलियत’ क्यूं? राष्ट्र रक्षकों को पेंशन का अधिकार नही है तो मैं भी खुद की पेंशन छोड़ने को तैयार हूं। क्या हम विधायक और सांसद अपनी पेंशन छोड़ कर यह नहीं सुनिश्चित कर सकते कि अग्निवीरों को पेंशन मिले?’ गांधी इससे पहले भी योजना के खिलाफ लगातार अपनी आवाज उठाते रहे हैं। योजना के प्रवाधानों के खिलाफ वह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एक पत्र भी लिख चुके हैं।