खास खबर: आपने कई नई नई कहानियां देखी होंगी सुनी होंगी, लेकिन यह कहानी एक अजब गजब तरीके की है,एक दिलचस्प कहानी श्री राम की नगरी के विदेशों से नाते को लेकर भी है.दक्षिण कोरिया के लोग आज भी अयोध्या को अपनी ननिहाल मानते हैं और ये मान्यता पूरे 2 हजार सालों से चली आ रही है.इसी मान्यता को लेकर अपनी परंपरा निभाने के लिए दक्षिण कोरिया के लोग अयोध्या आते रहते हैं.आइये आपको बताते हैं कि इसके पीछे क्या है असल कहानी.दक्षिण कोरिया से हर साल अयोध्या आने वाले लोगों का ताल्लुक वहां के किम वंश से है.ये लोग अयोध्या को अपनी रानी मां का मायका मानते हैं.इनका नाम ‘रानी हो’ था और ये आज से 2 हजार साल पहले कोरिया की महारानी थीं.इस नाते से ही दक्षिण कोरिया के लोग अयोध्या को अपनी ननिहाल मानते हैं.कोरियाई मान्यता के अनुसार अयोध्या की राजकुमारी का विवाह दक्षिण कोरिया के राजकुमार के साथ हुआ था.इस मान्यता को देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर भी दोनों देशों के संबंध और मजबूत करने की कोशिश की जा रही है.दक्षिण कोरिया राजकुमारी के नाम से एक स्मारक पार्क भी अयोध्या में बनाया जा रहा है.सरयू नदी के किनारे पर बन रहा यह पार्क पर्यटन की दृष्टि से भी बेहद खास होगा.अयोध्या और दक्षिण कोरिया की संस्कृति को अपने में संजोय इस पार्क में सबसे खास बात यह है कि इसमें महारानी ‘रानी हो’ की भारत से कोरिया तक की जीवन यात्रा पर आधारित कई स्मृतियां बनाई जाएंगी.दोनों राजघरानों को दिखाते हुए पार्क में दो पवेलियन होंगे,एक दक्षिण कोरिया के राजकुमार के घराने का और दूसरा वहां की महारानी और अयोध्या की राजकुमारी का.