नई दिल्ली: वाराणसी की जिला अदालत में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर सुनवाई जारी है। इस बीच मंदिर और मस्जिद के मुद्दे को लेकर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि मदरसा ऐसी शिक्षा व्यवस्था होनी चाहिए जो छात्रों को भविष्य में कुछ भी करने का विकल्प दे सके। किसी भी धार्मिक संस्थान में प्रवेश उस उम्र में होना चाहिए जहां वे अपने निर्णय खुद ले सकें।
पीडीपी प्रमुख ने कहा कि कहा कि देश को गुजरात मॉडल, यूपी मॉडल, असम या मध्य प्रदेश मॉडल बनाने की होड़ लगी हुई है। क्या वे गुजरात मॉडल, यूपी मॉडल लागू करना चाहते हैं या असम के सीएम 2 कदम आगे रहना चाहते हैं। वे इस देश की जड़ें हिलाने की बात कर रहे हैं। जिस संविधान पर यह देश टिका था उसे अब अलग किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि तमाम राज्यों के सीएम आपस में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं कि मुसलमानों को सबसे ज्यादा कौन परेशान कर सकता है। इसलिए मंदिरों और मस्जिदों के मुद्दे उठाए जा रहे हैं।
अपनी बात को जारी रखते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मुसलमानों को प्रतिक्रिया के लिए उकसाया जा रहा है ताकि इन लोगों को गुजरात या उत्तर प्रदेश में उस तरह के एक और प्रकरण को अंजाम देने का मौका मिले। अंग्रेजों ने हिंदुओं को मुसलमानों के खिलाफ खड़ा किया, आज भारतीय जनता पार्टी कर रही है। प्रधानमंत्री चुपचाप देख रहे हैं। उनकी पार्टी सोचती है कि इसका मतलब है कि वे जो कर रहे हैं वह सही है।