धार्मिक कस्बा मिश्रित में खुले आम संचालित हो रहीं मीट की दुकाने
श्रवण कुमार मिश्र
सीतापुर / प्रदेश में योगी सरकार सत्तारूढ़ होने के बाद अवैध बूचड़खानों पर ताले लगवा दिए गए । मांस के दुकानदारों ने लाइसेंस सहित जरूरी कागजात जुटाने आरंभ कर दिए थे । प्रशासनिक अधिकारी हरकत में आकर मीट की दुकानें बंद कराना शुरू कर दिया था । लेकिन सरकार का ध्यान इस ओर से हटते ही अधिकारियों ने फाइलों को ठंडे बस्ते में दफन दिया । और मीट कारोबारी कस्बे की बाजारो और सडंकों के किनारे बैठ कर खुले आम मीट की दुकानें संचालित कर रहे है । ज्ञात हो कि कस्बा मिश्रित सतयुग काल से त्याग , तपस्या और बलिदान का केन्द्र बिन्दु रहा है । इस देव भूमि पर रहने वाले परम तपस्वी महर्षि दधीचि ने लोक कल्याण के लिए अपने शरीर को गायों से चटा कर अस्थियों तक का दान देवताओं को कर दिया था । उनकी अस्थियों से ही बृत्तासुर नामक दैत्य का संहार हुआ था । बीते समय ऐसी पूज्यनीय देव भूमि पर बकर कस्बों व्दारा खुले आम मीट की दुकाने खोल कर कलंकित किया जा रहा था । जिससे स्थानीय लोगो ने इस देव भूमि पर मांस , मदिरा आदि की बिक्री पर कड़ा प्रतिबंध लगाने हेतु उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की थी । जिसमें उच्च न्यायालय ने कस्बा मिश्रित और नैमिषारण्य के तीन किलोमीटर की परिधि में मांस मदिरा आदि नसीले पदार्थो के निर्माण व बिक्री पर कड़ा प्रतिबंध लगाते हुए आदेश का कड़ाई से अनुपालन करने के निर्देश दिए थे । फिर भी धार्मिक कस्बा मिश्रित में मछरेहटा रोड रेलवे फाटक एवं सिधौली रोड रेलवे फाटक , ग्राम जसरथपुर में अकबरपुर रोड पर अंग्रेजी शराब ठेके के पास बकर कसाबों व्दारा खुले आम मीट , मुर्गा आदि की दुकाने संचालित की जा रही है । इतना ही नही इस धार्मिक कस्बे के अंदर स्थित पुरानी बाजार के पास रहने वाले बकर कसाब अपने घरों में बकरों का बध करके खुले आम मीट की बिक्री कर रहे है । जिससे इस धार्मिक नगर को पूरी तरह कलंकित करने का कार्य कर रहे है । फिर भी यहां के प्रशासनिक मूक दर्शक की भूमिका निभा रहे है