ब्लाक संगत के एक गांव में रिश्तों उस समय तार-तार हो गए जब काम करवाने आए लड़के ने अपनी मौसी के बेटी को शादी का झांसा देकर बहला फुसलाकर घर से भगा ले गया।
पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई ने करने के चलते रोष में आए लड़की के माता-पिता द्वारा ग्रामीण श्रमिक सभा के नेतृत्व में ब्लाक अध्यक्ष गुरमीत सिंह के नेतृत्व में थाना संगत को घेर लिया और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। धरने पर मौजूद ग्रामीण मजदूर सभा के जिलाध्यक्ष मिठू सिंह घुद्दा ने बताया कि निर्मल सिंह निवासी नर सिंह कॉलोनी अपनी मौसी के यहां काम करवाने आया था। वह 8वीं कक्षा में पढ़ती अपनी बहन को शादी का झांसा देकर बहला कर अपने मौसा के मोटरसाइिकल पर भगा ले गया। परिजनों ने 23 अप्रैल को संगत थाने में लिखित आवेदन दिया था, लेकिन पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।
परिवार वालों ने बताया कि लड़ता जाते हुए उनका मोटरसाइकिल, मोबाइल फोन और 20 हजार रुपए नकद भी ले गया। पुलिस ने आखिरकार 4 मई को लड़के के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया, लेकिन लड़के की साजिश में शामिल उसके पिता भोला सिंह और मां मनदीप कौर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि इस मामले में एक महिला पुलिस लड़के के संपर्क में है जो कार्रवाई नहीं होने दे रही है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि लड़की को बरामद किया जाए और आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो आने वाले दिनों में सैकड़ों की भीड़ जमा हो जाएगी और थाने को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा।
प्रदर्शनकारियों की थाना प्रमुख की बैठक के बाद आरोपियों को गिरफ्तार करने में उन्हें एक सप्ताह का समय ले लिया। इस पर प्रदर्शनकारियों ने सहमति जताते हुए अपना धरना समाप्त कर दिया। इस मौके पर दिहाती मजदूर सभा के जिला प्रधान मिठू सिंह घुद्दा, जम्हूरी किसान सभा प्रधान दर्शन सिंह फल्लो मिट्ठी, जिला तलवंडी साबो के प्रधान मक्खन सिंह गुरुसर, ब्लाक प्रधान गुरमीत सिंह जय सिंह वाला, शिवराज सिंह जग्गा राम तीर्थ, दर्शन सिंह बाजक, हरदेव सिंह फुल्लो मिट्ठी, करनैल सिंह जय सिंह वाला के अलवा बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
क्या कहते हैं पुलिस प्रमुख
मामले के बारे में पुलिस प्रमुख जसविंदर सिंह से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वे लड़के की तलाश कर रहे हैं। मामले के देर से दर्ज होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि परिवार के सदस्यों द्वारा लड़के का नाबालिग प्रमाण पत्र जारी करने में देरी के बाद ही मामला दर्ज किया गया।