
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर प्रांगण में ज्ञानवापी मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट गुरुवार को विशेष एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ने सिविल जज (सीनियर डिविजन) की कोर्ट को सौंप दी है। इस रिपोर्ट से भी जो बात सामने आई है उसमें दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद के बेसमेंट की दीवारों पर सनातन संस्कृति के चिन्ह मौजूद हैं।
ज्ञानवापी मस्जिद तथा शृंगार गौरी मंदिर प्रांगण के विवाद को लेकर सर्वे में यह भी सामने आया है कि वहां पर मुस्लिम पक्ष ने कहा है कि मस्जिद में लगा फव्वारा करीब बीस वर्ष से बंद पड़ा है। विशेष एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ज्ञानवापी मस्जिद में अब तक हुए सर्वे की रिपोर्ट सिविल जज (सीनियर डिविजन) की अदालत में सौंपी। अब इस पर सुनवाई होनी है। इस प्रकरण में दायर दो अन्य लंबित प्रार्थना पत्रों पर भी सुनवाई होगी। पहले प्रार्थना पत्र में तीन महिला पक्षकारों ने मस्जिद के तहखाने में रखे मलबे व कमरेनुमा संरचना की दीवार हटाकर सर्वे कराने मांग की है। दूसरे प्रार्थना पत्र में जिला शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रसाद पांडेय ने वजूखाने की मछलियों को स्थानांतरित करने का आदेश देने की मांग अदालत से की है।पूर्व एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने कार्यवाही के दौरान वादी से यह जानने की कोशिश भी की थी कि मस्जिद परिसर की पश्चिमी दीवार की बैरिकेडिंग के बाहर सिंदूर लगी तीन से चार कलाकृतियां व शिलापट्ट शृंगार गौरी हैं या नहीं। उन्हें बताया गया कि यह शृंगार गौरी मंदिर की चौखट का अवशेष है। बैरिकेडिंग के अंदर मुख्य मंदिर या उसके अवशेष तक जाना प्रतिबंधित है, इसलिए उनकी कलाकृति के प्रतीक को फिलहाल शृंगार गौरी मानकर पूजते हैं।