इन राज्यों में बकाया पैसा के चलते, कम की कोयले की आपूर्ति

सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली उत्पादक कंपनियों (जेनको) के 7,918 करोड़ रुपये के भारी बकाया के कारण कई राज्यों विशेषरूप से महाराष्ट्र, राजस्थान और बंगाल को कोयले की आपूर्ति कम हुई है।

कोयले की कमी की वजह से देश के कई हिस्से गंभीर बिजली संकट से जूझ रहे हैं।

बिजली उत्पादक कंपनियों पर भारी-भरकम बकाया

बिजली आपूर्ति की स्थिति पर कैबिनेट सचिव को हाल ही में भेजे गए नोट में कहा गया है कि बिजली उत्पादक कंपनियों का कुल बकाया 7,918 करोड़ रुपये है। इसके चलते पिछले कई महीनों में राज्यों को कम कोयले की आपूर्ति हुई है। भारी-भरकम बकाये की वजह से महाराष्ट्र, राजस्थान और पश्चिम बंगाल अपना कोयला भंडार नहीं बढ़ा पाए हैं। नोट में कहा गया है कि उत्तराखंड, गुजरात और दिल्ली ने अपने गैस आधारित संयंत्रों के साथ अग्रिम व्यवस्था नहीं की है, जिससे लगभग 4,000 मेगावाट क्षमता प्रभावित हुई और घरेलू कोयले पर अधिक दबाव पड़ा है।

कोयले की आपूर्ति 15.6 फीसदी तक बढ़ी

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) की रिपोर्ट के अनुसार, कोल इंडिया लिमिटेड और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) के साथ जुड़े बिजली संयंत्रों के पास 28 अप्रैल को नौ दिनों का कोयला स्टाक था। कोल इंडिया ने दो मई को कहा था कि बिजली क्षेत्र को उसकी कोयला आपूर्ति अप्रैल, 2022 में पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 15.6 फीसदी तक बढ़ी है। कोल इंडिया ने इसके साथ ही कहा था कि वह आने वाले महीनों में विशेष रूप से बिजली संयंत्रों के लिए आपूर्ति बढ़ाने की योजना बना रही है।

कोयले के कम भंडारण की कई वजह

कोयला सचिव एके जैन ने कहा था कि बिजली संयंत्रों में कम कोयले के भंडारण के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं। इनमें कोरोना के बाद अर्थव्यवस्था में तेज पुनरुद्धार के कारण बिजली की मांग बढ़ना, गर्मियों जल्दी आने, गैस और आयातित कोयले की कीमतों में वृद्धि और तटीय ताप बिजली संयंत्रों के बिजली उत्पादन में भारी गिरावट शामिल हैं।

निजी क्षेत्र से निवेश आकर्षित करने को शुक्रवार को होगी इन्वेस्टर्स मीट

निजी क्षेत्र से निवेश आकर्षित करने के लिए कोयला मंत्रालय शुक्रवार को एक इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन करेगा। मुंबई में होने वाले इस कार्यक्रम का शुभारंभ कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी करेंगे। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी शुक्रवार को मुंबई एक उच्चस्तरीय इन्वेस्टर्स मीट का शुभारंभ करेंगे। बैठक में रेवेन्यू शेयरिंग के तहत कोल इंडिया की बंद खदानों को फिर से शुरू करने, कोल गैसीफिकेशन आदि पर चर्चा होगी।’ कोल इंडिया और फिक्की के सहयोग से आयोजित की जाने वाली इस बैठक को कोयला, खान और रेल राज्यमंत्री रावसाहेब दानवे भी संबोधित करेंगे।

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