ईद-उल-फितर (Eid-UL-Fitr) के दिन राजस्थान (Rajasthan) के जोधपुर (Jodhpur) में सांप्रदायिक झगड़ा (Communal Violence) हो गया. दोनों तरफ से लोग एक दूसरे को मरने मारने सड़कों पर उतर आए पर उत्तर प्रदेश ने एक नया इतिहास रचा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की अपील पर इस बार पूरे प्रदेश में कहीं भी यातायात बाधित कर सड़कों पर ईद की नमाज़ नहीं अदा की गई.
मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी सीएम के अपील का समर्थन किया था. नतीजा ये रहा कि ईद की नमाज़ ईदगाह या फिर अन्य तयशुदा पारंपरिक स्थान पर ही हुई. हापुड़, गाजियाबाद, नोएडा, सहारनपुर, लखनऊ समेत कई ज़िलों में जहां मस्जिद और ईदगाहों में जगह कम थी वहां लोगों ने अलग-अलग शिफ्ट में नमाज पढ़ी.
सड़कों पर नहीं पढ़ी गई ईद की नमाज
पिछले सालों तक जहां 50 हजार से 01 लाख लोग सड़कों और सार्वजनिक जगहों पर नमाज पढ़ते थे तो वहां प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि ईद की नमाज सड़कों पर नहीं पढ़ी गई. इससे पहले अलविदा की नमाज़ के समय भी ऐसी ही अभूतपूर्व स्थिति देखी गई थी, जब मुख्यमंत्री की अपील पर लोगों ने मस्जिदों में ही नमाज अदा की थी.
यही नहीं ईद-उल-फितर, अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती के एक ही दिन होने से यूपी में जताई जा रही विवाद की आशंका भी निर्मूल साबित हुई. लोगों ने ईदगाहों में नमाज पढ़ी तो परशुराम जयंती पर विविध संगठनों ने शांतिपूर्ण आयोजन भी किए. प्रदेश के सभी 75 जिलों से हर्ष और उल्लास के साथ त्योहार मनाए जाने की सूचना है. वहीं राजस्थान के जोधपुर सहित देश के कुछ प्रांतों में ईद पर दो समुदायों के बीच हिंसा और तनाव की खबरें सामने आई हैं.
यूपी में 33 हजार जगहों पर अता की गई नमाज
बीते दिनों, सीएम योगी ने अधिकारियों को ईद, अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती के एक ही दिन होने पर पुलिस/प्रशासन को अतिरिक्त संवेदनशील रहने को कहा था. साथ ही, सड़क पर यातायात रोक कर नमाज पढ़ने से पब्लिक को होने वाली परेशानी का हवाला देते हुए धर्मगुरुओं से संवाद बनाने के निर्देश भी दिए थे.
मुख्यमंत्री के प्रयास का सकारात्मक असर देखने को मिला और कहीं भी सड़क पर नमाज नहीं हुई. सीएम के निर्देश पर एहतियातन यूपी पुलिस ने सुरक्षा चाक चौबंद की थी. अनुमान के मुताबिक इस साल यूपी में करीब 33 हजार जगहों पर नमाज अदा की गई, इसमें 2,800 स्थानों को चिन्हित कर सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए थे.
हो रही है योगी मॉडल की तारीफ
बुलडोजर मॉडल और धार्मिक स्थलों पर लगे अनावश्यक लाउडस्पीकर की समस्या के सौहार्दपूर्ण निदान के बाद अब सड़क पर नमाज़ पढ़ने की समस्या का आम सहमति से हल पेश करने वाले योगी आदित्यनाथ के लॉ एंड ऑर्डर मॉडल की सराहना हो रही है.