
ट्रांस यमुना थाने में मारपीट और छेड़छाड़ से आहत महिला बोली- न्याय न मिला तो सुसाइड कर लूंगी
विष्णु सिकरवार/ नैमिष टुडे
आगरा। पुलिस कमिश्नरेट के ट्रांस यमुना थाने की पुलिस पर गंभीर आरोप लगे हैं। चोरी के मुकदमे की जानकारी करने पहुंची एक महिला ने आरोप लगाया है कि थानाध्यक्ष और पुलिसकर्मियों ने न केवल उसके साथ मारपीट की, बल्कि कमरे में बंद कर छेड़छाड़ भी की है। महिला ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर न्याय की गुहार लगाई है। वीडियो में वह रोते-बिलखते कह रही है कि अगर उसे इंसाफ नहीं मिला तो वह आत्महत्या कर लेगी और उसकी मौत के जिम्मेदार थाना प्रभारी और पुलिसकर्मी होंगे। उधर पुलिस का कहना है कि महिला ने थाने में महिला पुलिस से अभद्रता की थी, इसलिए उसका शांति भंग में चालान किया गया है।
पीड़िता संजू यादव और उसके पति त्रिभुवन सिंह यादव कालिंदी विहार (सेंट हेनरी पब्लिक स्कूल के सामने) रहते हैं। 15 सितंबर 2024 को दोनों घर का ताला लगाकर बाहर गए थे। लौटने पर पाया कि घर से 80 हजार रुपये और आभूषण चोरी हो गए। 16 सितंबर को थाने में मुकदमा भी दर्ज हुआ। महिला इसी चोरी की विवेचना की जानकारी लेने के लिए थाने गई थी। आरोप है कि यही सवाल पूछना उसके लिए भारी पड़ गया।
इस घटनाक्रम के चार वीडियो सामने आए हैं जो थाने के अंदर और परिसर के हैं। इन वीडियो को देखकर जो बात सामने आई वह यह है कि जब यह महिला अपने चोरी के मुकदमे के बारे में जानकारी करने थाने पहुंची तो वहां उसे बताया गया कि उसके केस में एफआर लग चुकी है। इस पर संभवतः महिला ने आपत्ति उटाई कि चोरी का खुलासा न कर एफआर कैसे लगा दी गई। यह महिला एसओ से बात कर रही थी जिसका वह वीडियो भी बनाने लगती है। बस उसका वीडियो बनाना ही भारी पड़ गया। इसी के बाद एक महिला पुलिसकर्मी से उसकी झड़प होती है और फिर बात मारपीट तक पहुंच जाती है।
महिला ने आरोप लगाया कि थाना प्रभारी रोहित गुर्जर और महिला व पुरुष पुलिसकर्मियों ने उसे कमरे में बंद किया, मारपीट की और अश्लील हरकतें कीं। उसके चेहरे और आंख के पास चोट के निशान साफ दिखाई दे रहे हैं। वायरल वीडियो में महिला वह फूट-फूटकर रो रही है और कह रही है कि मुझे न्याय नहीं मिला तो वह सुसाइड कर लेगी। लोगों ने सोशल मीडिया पर इस वीडियो को खूब साझा किया, जिससे आगरा पुलिस की जमकर किरकिरी हो रही है।
इसी घटना को लेकर थाने में हुए विवाद के दो वीडियो और सामने आए हैं, जिनमें से एक वीडियो में इस महिला की एक एक महिला पुलिसकर्मी से तड़का-भड़की हो रही है। दूसरा वीडियो थाना परिसर का है, जिसमें तीन महिला पुलिसकर्मियों और इस महिला के बीच खींचतान हो रही है। तीन महिलाएं इस महिला को दोनों हाथ पकड़कर खींचते हुए ले जाती दिख रही हैं। एक अन्य वीडियो में थाने के अंदर ही इस महिला और एक महिला पुलिसकर्मी के बीच पहले तड़का भड़की और फिर हाथापाई तथा बाद में मारपीट होती दिख रही है।
यह सही है कि महिला के साथ मारपीट हुई है, लेकिन यह भी सच है कि महिला कुछ ज्यादा ही गुस्से में थी और वो जिस तरह बात कर रही थी, वह उचित व्यवहार नहीं कहा जा सकता।
पुलिस के अधिकारी इन्हीं दोनों वीडियो के आधार पर कह रहे हैं कि आरोप लगाने वाली महिला ने महिला पुलिसकर्मियों से अभद्रता की थी। इसी वजह से महिला का शांति भंग में चालान किया गया है। अधिकारी यह भी बताते हैं कि महिला की चोरी में एफआर लग चुकी है। मामले की जांच जारी है। पुलिस अधिकारी महिला द्वारा लगाए जा रहे मारपीट और छेड़छाड़ के आरोप पर चुप हैं।
यह पहला मौका नहीं है जब ट्रांस यमुना थाना विवादों में आया हो। इसी थाने में पहले भी एक महिला को छत से फेंकने के आरोप लगे थे, जबरन घर में घुसकर पुलिसकर्मियों ने सामान तोड़ा था। इसके अलावा एक पुराना वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें तत्कालीन थानाध्यक्ष सुमनेश गुर्जर के समय एक व्यक्ति को थर्ड डिग्री दी जा रही थी। आरोप है कि दोषी पुलिसकर्मियों को अधिकारियों ने बचा लिया और कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई।
महिला बोली– न्याय न मिला तो कर लूंगी आत्महत्या
वीडियो में महिला ने स्पष्ट कहा है कि अगर उसे इंसाफ नहीं मिला तो वह आत्महत्या कर लेगी। उसने अपनी चोटें कैमरे पर दिखाते हुए कहा कि उसकी मौत हुई तो इसके जिम्मेदार पुलिसकर्मी होंगे। जनता अब यह सवाल कर रही है कि क्या इस बार भी दोषियों को बचा लिया जाएगा या फिर पुलिस कमिश्नर कार्रवाई कर कोई मिसाल पेश करेंगे।