
महमूदाबाद, सीतापुर लाखों की लागत से बना ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र उपेक्षा का शिकार
-जंगली झाड़ियों में तब्दील हुआ परिसर
-गांव वालों में नाराजगी, उठी जांच और पुनः संचालन की मांग
अनुज कुमार जैन
विकासखंड पहला की ग्राम पंचायत दरियापुर अंतर्गत बहेरवा गांव के पास लाखों रुपये की लागत से बना एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र आज उपेक्षा और बदहाली की भेंट चढ़ चुका है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम प्रधान सीता सिंह और ग्राम सचिव जय सिंह द्वारा बनवाया गया यह केंद्र अब झाड़ियों और जंगली घास का अड्डा बन गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि निर्माण के कुछ समय बाद से ही यह केंद्र पूरी तरह निष्क्रिय पड़ा है। ना तो इसकी साफ-सफाई हो रही है और ना ही कोई नियमित संचालन। यहां तक कि इस केंद्र तक पहुंचने वाला रास्ता भी झाड़ियों से घिर चुका है, जिससे ग्रामीणों का आना-जाना मुश्किल हो गया है।
बर्बाद हो रही विकास योजनाएं
केंद्र के चारों ओर उग आई घनी झाड़ियाँ और जंगली घास इस बात की गवाही दे रही हैं कि स्वच्छता मिशन की यह परियोजना केवल कागजों तक सिमट कर रह गई है। इससे न केवल जनधन का दुरुपयोग हुआ है, बल्कि शासन की छवि पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
ग्रामीणों में नाराजगी, जिम्मेदारों पर सवाल
बहेरवा और आसपास के गांवों के लोगों में इस उपेक्षा को लेकर जबरदस्त रोष है। ग्रामीणों का कहना है कि जब लाखों रुपये खर्च कर कोई सुविधा बनाई जाती है, तो उसकी देखरेख और संचालन भी जिम्मेदार अधिकारियों की ही जिम्मेदारी है।
गांव के ही एक बुजुर्ग निवासी का कहना है, “अगर इसे चालू नहीं किया गया, तो यह केवल पैसे की बर्बादी होगी। शासन की योजनाएं केवल दिखावे की नहीं, बल्कि उपयोग की होनी चाहिए।”
प्रशासन से जांच और पुनः संचालन की मांग
सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने इस पूरे मामले की जांच कराकर केंद्र को दोबारा संचालित किए जाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि संबंधित ग्राम प्रधान और सचिव की भूमिका की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी विकास कार्य इस प्रकार उपेक्षित न हो।
यदि जल्द ही कार्रवाई नहीं हुई, तो यह केंद्र शासन की मंशा और योजनाओं को ठेंगा दिखाने का प्रतीक बन जाएगा, जिससे ग्रामीणों की स्वास्थ्य और स्वच्छता संबंधी जरूरतों की अनदेखी भी होगी।