
उत्तर प्रदेश कन्नौज , हसेरन ,मित्र बानो सुदामा जैसे निभाओ तो कृष्ण जैसे अनामिका किशोरी
ऋषभ दुबे नैमिष टुडे
हसेरन। श्रीमद् भागवत कथा के विश्राम दिवस पर सुदामा चरित्र की कथा का मनमोहक प्रसंग सुनाया। कथा में भक्तों की भारी संख्या में भीड़ रही। कृष्ण और सुदामा की मित्रता का प्रसंग भक्त भाव विभोर हुए। कस्बा की मां काली देवी मंदिर पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के विश्राम दिवस कथा वाचिका अनामिका किशोरी ने भागवत कथा में कृष्ण और सुदामा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए सुदामा चरित की कथा का प्रसंग सुनाया। बचपन के मित्र रहे कृष्ण और सुदामा। एक साथ गुरुकुल में रहकर शिक्षा प्राप्त की। गृहस्थ आश्रम में सुदामा जी के होने पर कृष्ण द्वारकापुरी रहने लगे। बचपन शाखा की याद में सुदामा कृष्ण से मिलने द्वारका पूरी पहुंचे। उनकी दीन दशा देख द्वारपालों ने उन्हें रोक लिया। उन्होंने अपना नाम सुदामा बताया और कृष्णा को संदेश भेजा कि जाकर कह दो उनके बचपन का मित्र उनके द्वारा पर खड़ा है। जैसे ही कृष्ण ने सुदामा के नाम सुना तो वहां से दौड़ पड़े अपने मित्र को गले लगा लिया। अनामिका किशोरी ने बताया मित्र वह जो दुख और सुख में आपका साथ दे। कृष्ण और सुदामा की कथा मित्रता का संदेश देती है। भागवत कथा में मनोज ,कैलाश ,लालजीत, खुशबू, प्रीति, निशा , अंशु ,सोनम सहित सैकड़ो की संख्या में भक्त मौजूद रहे।