
महमूदाबाद-रेउसा, सीतापुर ,समाज ने दिखाई इंसानियत की मिसाल: अनाथ बेटी की शादी में शिक्षक बने अभिभावक
अनुज कुमार जैन
“बेटियां भगवान का वरदान होती हैं” — इस कथन को सीतापुर के रेउसा ब्लॉक के शिक्षकों ने सच कर दिखाया। एक अनाथ बेटी की शादी में शिक्षक समुदाय ने आगे बढ़कर न सिर्फ उसका हाथ थामा, बल्कि एक अभिभावक की भूमिका निभाते हुए समाज के सामने एक भावुक और प्रेरणादायी उदाहरण पेश किया।
यह कहानी है प्राथमिक विद्यालय बह्मनावा प्रथम में कार्यरत दिवंगत शिक्षामित्र बालकराम की छोटी बेटी शिवकुमारी की। बालकराम का निधन लंबी बीमारी के चलते हो गया था, और दो वर्ष पूर्व उनकी पत्नी जयरानी का भी देहांत हो चुका था। इस हादसे के बाद 22 वर्षीय शिवकुमारी पूरी तरह बेसहारा हो गई थीं।
जब इस बात की जानकारी रेउसा ब्लॉक के शिक्षामित्र संगठन को हुई, तो ब्लॉक अध्यक्ष वीरेंद्र यादव, महामंत्री कुलदीप सिंह और संरक्षक बृजेंद्र सिंह ने इस बेटी को अपनी बेटी मानते हुए शादी करवाने का संकल्प लिया। एक अपील की गई और शिक्षक समुदाय ने एकजुट होकर इस पुनीत कार्य में भागीदारी निभाई।
गुरुवार को शिवकुमारी की शादी पूरे विधि-विधान और रीति-रिवाज़ों के साथ संपन्न हुई।
करीब 2 लाख रुपए की सहायता राशि जुटाई गई, जिससे बेड, अलमारी, बक्सा, हीरो डीलक्स बाइक, रेफ्रिजरेटर जैसी आवश्यक वस्तुएं भेंट की गईं। शेष धनराशि से शादी का टेंट, भोजन और अन्य व्यवस्थाएं की गईं।
इस नेक कार्य में प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष महेंद्र पांडेय, महामंत्री सच्चिदानंद अवस्थी, अटेवा संघ के उपाध्यक्ष दीपक सहाय, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के अनूप श्रीवास्तव समेत दर्जनों शिक्षकों ने सक्रिय सहयोग दिया।
शिवकुमारी अब अपने नए जीवन की शुरुआत कर चुकी हैं, और यह संभव हो सका उस शिक्षित समाज के प्रयासों से, जिसने यह दिखा दिया कि जब समाज साथ होता है, तो हर बेटी सुरक्षित होती है।