आगरा उत्तर प्रदेश, नगर निगम कार्यालय में नहीं मिलते नगर आयुक्त, ना ही उठता है उनका फोन: मुख्यमंत्री से की गई शिकायत विष्णु सिकरवार

आगरा उत्तर प्रदेश, नगर निगम कार्यालय में नहीं मिलते नगर आयुक्त, ना ही उठता है उनका फोन: मुख्यमंत्री से की गई शिकायत

विष्णु सिकरवार

आगरा नगर आयुक्त ना तो नगर निगम में अपने कार्यालय में मिलते हैं, ना ही फरियादियों की सुनवाई करते हैं और यहां तक की मोबाइल फोन नंबर पर कॉल करने के बावजूद भी बात नहीं करते। जन समस्याओं का निस्तारण में उनकी कतई रुचि नहीं है। विकास कार्यों में हो रहे भ्रष्टाचार के खेल आदि की शिकायत भारतीय हिंदू सेवा संस्था के प्रदेश अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने पत्र द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि नगर निगम के नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल अपनी लापरवाही, मनमानी, जन समस्याओं की सुनवाई न होने, उनके समाधान के लिए प्रभावी कदम न उठाए जाने, नगर निगम स्थित अपने कार्यालय में ना मिलने जिससे फरियादियों की समस्याओं की सुनवाई एवं समाधान ना हो पाने और विकास कार्यों के नाम पर भ्रष्टाचार की गंगा बहने जैसी कार्य प्रणाली के लिए विख्यात हो चुके हैं।

शिकायती पत्र में लिखा है कि विकास कार्यों और जन समस्याओं के समाधान संबंधी झूठे व फर्जी आंकड़े पेश कर शासन को गुमराह करने में भी उन्हें महारत हासिल है। जन समस्याओं के संबंध में जब भी उनसे मिलने उनके कार्यालय जाया गया वह आज तक नहीं मिले। जब भी इनके मोबाइल फोन पर उनसे बात करनी चाहिए तो उनके द्वारा कॉल रिसीव नहीं किया गया। संबंधित पार्षद भी नगर आयुक्त से असंतुष्ट है। असंतुष्ट पार्षदों में सत्ता पक्ष (भाजपा) के पार्षद भी शामिल हैं। महानगर में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। प्रतिबंधित होने के बावजूद शहर भर में खुले डलाबघरों की भरमार है, मुख्य मार्गो की स्ट्रीट लाइटें बंद रहने पर रात्रि में हादसे होते रहते हैं। सीवर और पेयजल तो मुख्य जन समस्याओं में पहले वह दूसरे स्थान पर है। नगर आयुक्त के अपने ऑफिस से नदारत रहने पर जन समस्याओं और विकास कार्य संबंधी शिकायतों को लेकर नगर निगम परिसर में धरना प्रदर्शन करने वाले उन्हें ज्ञापन नहीं सौंप पाते और अधीनस्थ अधिकारियों को देकर मायूस होकर बैरंग लौट आते हैं।

पत्र में लिखा गया है कि सभी सरकारी विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को अपने-अपने ऑफिस में बैठने का समय शासन द्वारा कार्य दिवस के दौरान प्रातः 10 बजे से 12 तक निर्धारित है लेकिन लगता है कि शासन का उक्त आदेश आगरा नगर निगम के नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल पर लागू नहीं होता है। वह अपनी मनमर्जी से ऑफिस आते और जाते हैं। संस्था के प्रदेश अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल की जन विरोधी कार्य प्रणाली उक्त मामले की जांच किसी निष्पक्ष जांच एजेंसी से करवाते हुए जांच आख्या के आधार पर शासन स्तर नियमानुसार कार्रवाई करते हुए आगरा शहर की जनता को राहत प्रदान करवाई जाए।

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