
*महमूदाबाद, सीतापुर — ब्लॉक पहला
प्रधान, रोजगार सेवक और सचिव की मिलीभगत से लगाई जा रही फर्जी हाजिरी
उत्तर प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार पर लगातार नकेल कसने का प्रयास कर रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर तैनात सरकारी प्रतिनिधि सरकार की मंशा पर पानी फेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ताजा मामला ब्लॉक पहला की ग्राम पंचायत बजेहरा का है, जहां पर मनरेगा योजना के अंतर्गत दो निर्माण कार्यों में भारी अनियमितताएं सामने आई हैं।
सूत्रों के अनुसार, खंडजा की दोनों ओर पटरियों की सफाई एवं निर्माण कार्य में केवल 10 श्रमिकों से कार्य कराया जा रहा है, लेकिन 6 मास्टर रोल भरकर 58 मजदूरों की उपस्थिति दर्ज की गई है। वहीं, तालाब खुदाई कार्य में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला जहाँ 7 मास्टर रोल भरकर 67 मजदूरों की हाजिरी दर्शाई गई, जबकि मौके पर मात्र 10 श्रमिक ही कार्यरत पाए गए।
इस प्रकार, दोनों कार्यों को मिलाकर कुल 20 श्रमिकों की वास्तविक उपस्थिति के बावजूद 105 मजदूरों की फर्जी हाजिरी लगाई जा रही है। यही नहीं, मनरेगा पोर्टल पर बार-बार वही फोटो अपलोड किए जा रहे हैं, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि यह पूरा खेल योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है।
ग्राम पंचायत बजेहरा के प्रधान, सचिव और रोजगार सेवक पर आरोप है कि वे मिलीभगत कर गरीबों के हक पर डाका डाल रहे हैं और सरकारी धनराशि का बंदरबांट कर अपनी जेबें भर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर शासन की निगरानी प्रणाली और संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी कहां गायब हो जाती है?
जब इस संबंध में विकास खंड अधिकारी विकास सिंह से बात करने की कोशिश की गई तो उनका फोन उठाया नहीं गया।
सरकार को चाहिए कि वह इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करे, ताकि भविष्य में कोई गरीब का हक इस तरह न छीना जा सके।