नदियों को मिलेगा पर्याप्त पानी तो जनपद को मिलेगी संजीवनी: सांसद चाहर

नदियों को मिलेगा पर्याप्त पानी तो जनपद को मिलेगी संजीवनी: सांसद चाहर

उटंगन, खारी व किवाड़ नदियों में यूपी के हिस्से का जल लाकर रहेंगे- चाहर

चाहर ने संसद में उठाई आवाज, नदियों में आगरा के हक का पानी छोड़ें

लोकसभा में आगरा की नदियों में पानी के मुद्दे पर बोलते सांसद राज कुमार चाहर

नैमिष टुडे/संवाददाता

आगरा। राजस्थान में बांध बनाकर आगरा के हिस्से का पानी रोक लेने के मुद्दे को सांसद राजकुमार चाहर ने अपने हाथ में ले लिया है। सांसद ने उटंगन, खारी और किवाड़ नदी समेत आगरा की पांच नदियों का आगरा के हिस्से के पानी को आगरा जिले को दिलाने की ठान ली है। इस दिशा में अपने कदम भी आगे बढ़ा दिए है।
बुधवार को संसद में शून्य काल के दौरान सांसद चाहर ने आगरा के नदियों में पानी के हक के लिए आवाज उठाई। सांसद चाहर ने कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र फतेहपुर सीकरी लोकसभा में प्रमुख रूप से चंबल, किवाड़, ऊटंगन, खारी और यमुना नदी बहती है। इन तीन नदियों में किवाड़, ऊटंगन और खारी नदियों में राजस्थान के बांधों से होकर पानी आता है। जल समझौते के अनुसार आगरा जनपद को उसकी हक का पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। यह नदियां सूखने के कगार पर हैं। यही स्थिति चंबल और यमुना की हो रही है। इन नदियों में भी पर्याप्त जल राशि नहीं छोड़ी जा रही है। यमुना की सफाई के नाम पर भी खानापूर्ति हो रही है। सांसद ने कहा कि अगर पर्याप्त रूप से पानी आएगा तो पूरे लोकसभा क्षेत्र को संजीवनी मिलेगी। वर्तमान में स्थिति यह हो गई है कि पानी का स्तर बिल्कुल रसातल में पहुंच चुका है। सिंचाई के लिए क्षेत्रवासियों को बेहद दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गर्मियों के दौरान तो स्थिति और भी ज्यादा विकराल हो जाएगी। राजस्थान सरकार को भी निर्देशित किया जाए कि आगरा जनपद की भावनाओं का ख्याल रखते हुए अपने अपने यहां के बांधों से आगरा जनपद के लिए आपूर्ति होने वाले पानी को नहीं रोका जाए। आगरा में यमुना नदी का काम प्राथमिकता के साथ किया जाए।
श्री चाहर जो भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं उन्होंने कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र में चम्बल नदी भी राजस्थान से ही प्रवेश करती है। कभी इस नदी में साल भर बहुत पानी रहता था, लेकिन अब इसमें भी पानी की बहुत कमी हो गई है। उन्होंने कहा कि बटेश्वर जैसा प्रमुख तीर्थस्थल भी उनके क्षेत्र में ही है। यमुना और चम्बल में पर्याप्त पानी न होने से यहां आने वाले तीर्थयात्री भी मायूस होते हैं। उन्होंने कहा राजस्थान से बांधों पर रोका गया आगरा के हिस्से का पानी छोड़ा जाए। इसके साथ ही चम्बल में भी आगरा को मिलने वाली पानी की मात्रा बढ़ाई जाए। इसके साथ ही यमुना नदी को शुद्ध कर उसके जल को पीने योग्य बनाया जाए।

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