उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 ने भारतीय जनता पार्टी की ओर से विधानसभा चुनावों को लेकर जारी लोक कल्याण संकल्प पत्र में किए गए वादों पर अमल करना शुरू कर दिया है। सरकार अब बेरोजगारों को सरकारी नौकरियां और अन्य रोजगार के अवसर मुहैया कराने पर फोकस कर रही है। इसके लिए रणनीति तय कर ली गई है और उस पर काम भी शुरू हो चुका है।
क्षेत्रीय और जिला सेवायोजन कार्यालयों के माध्यम से उत्तर प्रदेश में 879 रोजगार मेले लगाने की तैयारी है। सेवायोजन विभाग ने नए वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए कार्ययोजना तैयार की है। युवक-युवतियों को सेवायोजन विभाग इस वर्ष करीब एक लाख से अधिक को रोजगार से जोड़ेगा। रोजगार मेलों में कई छोटी बड़ी कंपनियां आएंगी और योग्यता के अनुसार अभ्यर्थियों का चयन करेंगी।
सेवायोजन विभाग के उप निदेशक पीके पुंडीर ने बताया कि इस वर्ष 1.20 लाख अभ्यर्थियों को रोजगार से जोड़ा जाएगा। लखनऊ, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर, कानपुर जैसे बड़े क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय में 14-14 मेले लगेंगे। रोजगार मेले के जरिए नौकरी पाने वाले अभ्यर्थियों का सत्यापन भी कराया जाएगा। सत्यापन शासन व निदेशालय स्तर से काल सेंटर के माध्यम से होगा। काल सेंटर के जरिए समय-समय पर अभ्यर्थियों से उनका फीडबैक लिया जाएगा। वहीं, करीब दो लाख युवाओं को बेहतर रोजगार तलाशने में मदद की जाएगी।