
होटल के नाम पर खुल रहे अश्लीलता और फूड़ता के अड्डे
ऐसे अड्डों में हो रहे नंगे नाच को बंद किया जाना चाहिए और उन पर कार्यवाही की जानी चाहिए।
शासन प्रशासन को चाहिए कि होटल के नाम पर खुले ऐसे फूहड़ता के अड्डों को तत्काल बंद करवाए।
कन्नौज/हिमांशु द्विवेदी
कन्नौज जनपद के अलग अलग थाना क्षेत्रों में खुले अवैध होटलों में अविवाहित युवक युवतियों के जाने से जहां एक ओर भारतीय संस्कृति पर कुठाराघात हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी जिस भारतीय हिंदू संस्कृति का पाठ पढ़ाते और कानून सम्मत उसके अनुरूप कार्य करने का अधिकारियों को आदेश देते उस पर निचले स्तर के अधिकारियों द्वारा लगातार पलीता लगाया जा रहा है।
आज नगर में अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर सुमंत गुप्ता से जब जनपद में चल रहे ऐसे अवैध होटलों में अविवाहित जोड़ों के द्वारा रुकने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इन्हें बंद किया जाना चाहिए और फूहड़ता के ऐसे नंगे नाच नहीं होने चाहिए।
बता दें नगर में कई जगहों पर ऐसे अवैध होटलों की भरमार है जिनमें आए दिन कई युवक और युवतियां चंद पलों के लिए मोटी रकम दे कर कमरा किराए पर लेते और अपनी जरूरतों को पूरा कर वहां से निकल जाते हैं।होटल खोलने के लिए जहां एक ओर अग्निशमन विभाग,भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण से लाइसेंस,श्रम विभाग से पंजीकरण,जीएसटी रजिस्ट्रेशन,पुलिस विभाग से संबंधित जरूरी नियमों को पूरा करना पड़ता है तो वहीं नियमों का पालन करना होता है परन्तु नगर में खुले होटलों में से शायद ही किसी ने इस तरह के किसी मानक को पूर्ण किया होगा।इस पर नाम ना छपने की शर्त पर लोगों का कहना है कि ऐसे दस्तावेजों को पूर्ण करने में अत्यधिक खर्च आता है और उसके बाद टैक्स भी अदा करना पड़ता है और हर कागज को हिफाज़त से रखना पड़ता है इन सबके चक्करों में ना पड़ते हुए 6 से आठ कमरे किराए पर लेकर आसानी से ऐसे व्यवसाय को कर मोटी कमाई की जा सकती है।हालांकि संचालक भी यह मानते हैं कि यह नियम विरुद्ध पर हर जगह सांठ गांठ और ऊपर तक पहुंच होने का भरोसा करते हुए वह इस व्यवसाय में हाथ आजमाते हैं।हालांकि कई जगह उनके यह हथकंडे काम भी करते हैं।
बता दें गत दिवस नगर में चल रहे मानक विहीन होटलों में पुलिस ने पहुंच जांच पड़ताल की परन्तु कोई कार्यवाही नहीं कर सकी।वहीं
पुलिस आने की जानकारी मिलते ही कई होटलों से युवक और युवतियां भाग गए।
एक होटल में तो पुलिस को देख लड़कियों को लेकर होटल का कर्मचारी ही गाड़ी से भाग गया।
हालांकि आश्चर्य तो इस बात का है कि जो होटल नगर में खोले गए हैं वो सभी जनपद के अलग अलग थाना क्षेत्रों में अवैध गतिविधियों के कारण बंद करवाए जा चुके थे।
परन्तु उन सभी के लिए होटल संचालकों के लिए नगर वरदान साबित हुआ।यहां आकर उन्होंने अपने अवैध कारोबार को एक नई उड़ान देते हुए पैर जमा लिए।
सूत्रों के हवाले से खबर है कि मानक विहीन रूप से चल रहे होटल संचालकों की ऊपर तक पहुंच और सांठ गांठ है जिसके चलते इन पर कार्यवाही के नाम पर सिर्फ़ खाना पूर्ति कर अधिकारी इति श्री कर लेते हैं।
छिबरामऊ की निगम मंडी चौकी क्षेत्र के अंतर्गत कई होटल संचालित हैं।जिन में नगर और नगर से बाहर के अविवाहित युवक और युवतियां आ कर कुछ घंटों के लिए मोटी रकम चुका कमरा किराए पर लेते और अपनी जरूरतों को पूरा कर चले जाते हैं।हालांकि इस पूरे मामले में जहां एक ओर नौजवानों की जेब पर डांका पड़ता है तो वहीं भारतीय संस्कृति पर खुले आम कुठाराघात होता है।
मुखबिर खास की सूचना पर पहुंच जब जानकारी ली गई तो पता चला होटलों में ना तो फायर ब्रिगेड विभाग से कोई एनओसी ली गई और ना ही मानकों के अनुरूप से होटल संचालित किए जा रहे हैं।नगर की मंडी चौकी के अंतर्गत संचालित एक होटल में अवैध रूप से नाबालिक युवक और युवतियों का लगातार आवागमन जारी होने की सूचना पर पहुंची टीम ने जब जांच पड़ताल की तो रजिस्टर में फर्जी तरीके से आधार नंबर और युवक और युवतियों की उम्र को छुपा उनसे मोटी रकम वसूले जाने की जानकारी हुई।
हालांकि सूचना पर पहुंचे कोतवाली प्रभारी अजय कुमार अवस्थी ने जांच पड़ताल की।
हालांकि इस मामले में क्षेत्राधिकारी और उप जिलाधिकारी महोदय ने कोतवाली पुलिस को जांच कर उचित कार्यवाही करने का आदेश दिया है।
वहीं इस तरह के लगातार खुलते होटलों पर नगर वासियों में रोष व्याप्त है उनका कहना है यह एक ओर जहां भारतीय संस्कृति को हानि पहुंचा रहा है तो वहीं इस तरह सरकार की आंखों में धूल झोंक कर करोड़ों रुपए के राजस्व का चुना लगा रहे हैं।
नगर वासियों का कहना है इस तरह के अवैध होटलों पर कार्यवाही कर उन्हें बंद किया जाना चाहिए।