
महाबोधि बोधगया बिहार बौद्धों को सौंपने की उठी मांग
ऋषभ दुबे /नैमिष टुडे
कन्नौज।बिहार में स्थित बौद्ध धर्म के मानने वालों के सबसे बड़े तीर्थस्थल को बौद्ध समाज को सौंपने की मांग उठी हैं। कन्नौज में सम्राट अशोक चेरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक ओमकार शाक्य जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि ने यह मांग उठायी हैं।राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में कहा गया है की बोधगया विहार का प्रबंधन पूरी तरह बौद्ध समाज को सौंपा जाए।कन्नौज के कलेक्ट्रेट पहुंचे सम्राट अशोक चेरिटेबल ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री और बिहार सीएम को यह ज्ञापन भेजा हैं। ज्ञापन में कहा गया है की विश्व धरोहर स्थल महाबोधि महाविहार बोधगया बिहार का प्रबन्धन पूर्णतया बौद्धों को दिया जाये। यह स्थल दुनियां भर के बौद्धों की अस्था का सबसे बडा केन्द्र है तथा वर्तमान वहां लागू बीटी एक्ट 1949 जिसमे मात्र 4 बौद्ध तथा 5 अन्य धर्म के लोग हैं जो संविधान की प्रस्तावना व अनुच्छेद 25, 26 का उल्लंघन करता है। सम्राट अशोक चेरिटेबल ट्रस्ट का कहना है ऐसे संविधान विरोधी बीटी एक्ट 1949 को रद्द करके भारत की अमूल्य विश्व धरोहर महाबोधि महाबिहार का प्रबन्धन पूर्णरूप से बौद्धों को दिया जाये। साथ हि ज्ञापन में यह भी कहा गया की बीटी एकट हमारे देश के संविधान की प्रस्तावना के विरुद्ध है। हमारे देश की प्रस्तावना में ‘हम भारत के लोग, भारत को सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न समाजवादी, पंथ निरपेक्ष, लोकतन्त्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतन्त्रता प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करने वाली बन्धुता बढ़ाने के लिए दृढ संकल्पित है”। ज्ञापन के जरिये राष्ट्रपति से अनुरोध किया गया है कि हम बौद्धों की धार्मिक विश्व धरोहर पर और हमारे संवैधानिक अधिकारों पर अतिक्रमण करने वाले बीटी एक्ट को रदद करें और बौद्ध भिक्षुओं की मांगों को मानते हुए उनकी विरासत उन्हे को सौंपने की कृपा करें। इस मौके पर जितेन्द्र शाक्य (पूर्व जिला पंचायत सदस्य)आदित्य विक्रम बौध्द,शिब प्रताप सिहं शाक्य,रामेंद्र सिंह शाक्य (पूर्व प्रधान),सचिन सैनी
,कृष्णकान्त शाक्य मौके पर
मौजूद रहे ।