
नई दिल्ली- उप-राष्ट्रपति डॉ. जगदीप धनखड़ ने आज अफ्रीकी-एशियाई ग्रामीण विकास संगठन के सम्मेलन में प्रतिनिधियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि शासन में लैंगिक भागीदारी समानता लाने और असमानताओं को कम करने के लिए मौलिक है। भारत शायद ही दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है, जिसने शासन में महिलाओं की संवैधानिक रूप से संरचित भागीदारी की है। उप-राष्ट्रपति ने आगे कहा कि गांव और नगरपालिका में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित की गई हैं। सरकार ने पंचायत से लेकर सभी स्तरों पर महिलाओं को सशक्त बनाने की पहल की है। साथ ही पंचायत, सहकारिता आदि स्तरों पर चुनाव प्रक्रिया के माध्यम से लाखों महिलाएं लगातार चुनी जा रही हैं। वे ग्राम पंचायत और जनपद स्तर पर शासन की चुनौतियों का सामना कर रही हैं।
संविधान में चुनाव को मजबूत किया गया है। यह विभिन्न लोकतांत्रिक संस्थाओं के कामकाज का एक कानूनी ढांचा है,, जिसमें महिलाओं की भागीदारी को प्राथमिकता दी गई है। उप-राष्ट्रपति डॉ. जगदीप धनखड़ ने कहा कि 1.5 अरब लोगों के देश में पिछले एक दशक में प्रत्येक क्षेत्र में व्यापक बदलाव देखने को मिला है। इनमें शिक्षा, अर्थव्यवस्था और अन्य बुनियादी प्रतिरक्षा प्रदान करने वाले क्षेत्र जैसे इंटरनेट, बिजली, कॉकपिट गैस और शौचालय आदि प्रमुख हैं। सरकार द्वारा 2 पहलुओं के माध्यम से बड़े पैमाने पर परिवर्तनकारी कदम उठाए गए हैं, जिससे देश को काफी मदद मिली है।
लोगों को काफी लाभ हुआ है। इनमें से एक है शिक्षा और दूसरा है लोगों का सशक्तीकरण। जब प्रति व्यक्ति इंटरनेट उपयोग की बात आती है तो भारत अमेरिका और चीन से भी आगे है। लेकिन जब अर्थव्यवस्था के औपचारिकीकरण या डिजिटल हस्तांतरण की बात आती है, तो हम वैश्विक समुदायों का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा हैं। एक दशक पहले हमारी अर्थव्यवस्था वैश्विक बेंचमार्क में केवल दोहरे अंक में थी और अब हम विश्व में 5वें स्थान पर हैं। हम अगले 2 वर्षों में विश्व की तीसरी आर्थिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर हैं। उन्होंने कहा कि हमारा राष्ट्र 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। एक समय था जब हमारे देश को अपनी वित्तीय साख बनाए रखने के लिए स्विट्जरलैंड के बैंकों में सोना जमा करना पड़ता था।
उस समय विदेशी मुद्रा भंडार केवल 11 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। यदि इसकी तुलना वर्तमान स्थिति से की जाए तो यह 7 सौ बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है। भारत विश्व के लिए एक उदाहरण है कि ग्रामीण विकास, लोगों के सशक्तीकरण आदि के क्षेत्र में अच्छी पहल का क्या प्रभाव हो सकता है। यह अभिसरण एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो राष्ट्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
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