
जीव के परमात्मा से मिलन का नाम है महारास आचार्य महेश पांडे
नैमिष टुडे/ऋषभ दुबे
कन्नौज।ग्राम गयासपुर में आयोजित श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह में आज कृष्ण की विभिन्न लीलाओं का वर्णन किया। महारास लीला का वर्णन करते हुए आचार्य महेश पाण्डेय ने कहा कि भगवान कृष्ण की महारास लीला जीवों का परमात्मा में मिलन की लीला है। इसलिए भगवान कृष्ण ने जितनी गोपिकाएं थी उतने ही रूप प्रकट किए। जिससे जीव को लगे कि परमात्मा हर पल मेरे साथ है। उन्होंने बताया कि रास लीला करने के कारण ही कृष्ण का नाम रास बिहारी पड़ा। तथा चंद्रमा की चांदनी में इस लीला को करने के लिए चंद्रबिहारी नाम पड़ा। कृष्ण जी ने सोलह हजार एक सौ आठ गोपियों के साथ मिलकर महारास लीला की इस लीला को देखने के लिए सभी देवता अनेक रूप धर कर देखने आए। भगवान शंकर इंद्र एवं नारद गोपी का रूप धारण कर इस महारास लीला को देखने आए।कथा में आए श्रोताओं ने झूम झूम कर नृत्य किया। इस अवसर पर परीक्षित जगदीश सिंह , आनंद सिंह, अवनीश सिंह, रिक्की सिंह, सर्वेश सिंह, लाविल सिंह, घनश्याम सिंह, अनिल सिंह आदि भक्त उपस्थित रहे।