
वली अल्लाह की खिदमत करने से बनती है तकदीर सूफी अंसारी मियां
नैमिष टुडे/विष्णु सिकरवार
आगरा। ताजगंज कोलिहाई स्थित निवास स्थान पर हजरत लियाकत हुसैन शाह उर्फ मुन्ने मियां की फातिहा का आयोजन बड़ी ही अकीदत से की गई। खलीफा हजरत मोहम्मद अली अंसारी मियां लियाकती ने फातिहा पड़ी बाद नमाज असर जिक्रे इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम किया गया वहीं बाद नमाज मगरिब फातिहा का आयोजन किया गया। फातिहा में आए हुए अकीदत मंद लोगों से सूफी अंसारी मियां लियाकती ने कहा कि होली अल्लाह की फातिहा में आने वाले इंसान की कोई भी मुराद खाली नहीं जा सकती। क्योंकि अल्लाह तबारक ताला में उसे वाली को अपना करीबी कहा है क्योंकि अल्लाह तक पहुंचने का रास्ता इन वाली अल्लाह हूं के यहां से जाता है इन वाली अल्लाहू से मोहब्बत रखने से दुनिया भी पता है और अल्लाह के महबूब मोहम्मद साहब का वसीला भी पता है। वही आज के दिन मौला अली के शहजादे हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम इस दुनिया में तशरीफ लाए थे जिनको अल्लाह तबारक ताला ने जन्नत के जवानों का सरदार बना दिया है। मौला अली के शहजादी हजरत मौला इमाम हुसैन की शहादत को हम सभी जानते हैं। लेकिन मौला हुसैन को अल्लाह ने क्या मक़ाम अता किया है। उसे हम सभी भूल बैठे हैं अगर मौला इमाम हुसैन हमसे राजी हो गए तो समझ ले कि हमारी आखिरत भी बन गई इसलिए हम सभी गुनहगार मौला अली के घराने से बेपनाह वाली मोहब्बत करें ताकि अल्लाह तबारक ताला हमारे आखिरी वक्त में भी हमारे होठों पर इस घराने का नाम रख सके आज हम सभी इमाम के मानने वालों जश्न मनाना चाहिए क्योंकि आज ही के दिन इमाम पैदाइश का दिन है।