देश में ईंधन की मांग मार्च में 4.2 फीसद बढ़कर तीन साल के उच्चतम स्तर पर

देश में ईंधन की मांग मार्च में 4.2 फीसद बढ़कर तीन साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पेट्रोल और डीजल की खपत महामारी से पहले के स्तर से ऊपर चली गई है। मार्च में कुल पेट्रोलियम उत्पाद की खपत 19.41 मिलियन टन थी, जो मार्च 2019 के बाद सबसे अधिक है। COVID-19 महामारी की लहर के बाद मार्च में परिवहन ईंधन की मांग बढ़ी। डीजल, देश में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला ईंधन है जो सभी पेट्रोलियम उत्पादों की खपत का लगभग 40 फीसद है, इसकी मांग 6.7 फीसद बढ़कर 7.7 मिलियन टन हो गई। पेट्रोल की बिक्री जो कुछ महीने पहले पूर्व-कोविड के स्तर को पार कर गई थी, 6.1 फीसद बढ़कर 2.91 मिलियन टन हो गई। मार्च में दोनों ईंधनों की मांग महामारी से पहले के स्तर से ऊपर थी। मार्च में रसोई गैस (एलपीजी) की मांग 9.8 फीसद बढ़कर 2.48 मिलियन टन हो गई।

2021-22 में पेट्रोल की खपत 10.3 फीसद बढ़कर 30.85 मिलियन टन हो गई, जबकि डीजल की बिक्री 5.4 फीसद बढ़कर 76.7 मिलियन टन हो गई। वित्त वर्ष 22 में पेट्रोल की मांग अब तक की सबसे अधिक थी जबकि डीजल की बिक्री 2019-20 में 82.6 मिलियन टन खपत के बाद से सबसे अधिक थी। एलपीजी की खपत 3 फीसद बढ़कर 28.33 मिलियन टन हो गई। जेट ईंधन या एटीएफ की मांग 35 फीसद बढ़कर 5 मिलियन टन हो गई, लेकिन पूर्व-महामारी वर्ष में 8 मिलियन टन से कम खपत थी। इसका मुख्य कारण यह था कि पिछले महीने के अंत में ही पूर्ण उड्डयन सेवाएं फिर से शुरू हुईं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

नमस्कार,नैमिष टुडे न्यूज़पेपर में आपका स्वागत है,यहाँ आपको हमेसा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे 9415969423 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें
%d bloggers like this: