सृजन फॉउंडेशन द्वारा मनाये जा रहे हरियाली माह के अंतर्गत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान पर एक पेड़ मां के नाम अभियान में 11 पेड़ लगाकर शुरू किया

सृजन फॉउंडेशन द्वारा मनाये जा रहे हरियाली माह के अंतर्गत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान पर एक पेड़ मां के नाम अभियान में 11 पेड़ लगाकर शुरू किया

 

 

 

विष्णु सिकरवार ब्यूरो प्रमुख आगरा

आगरा। सृजन फॉउंडेशन द्वारा मनाये जा रहे हरियाली माह के अंतर्गत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान पर एक पेड़ मां के नाम अभियान में रविवार को बल्केश्वर कुंज पार्क आगरा में 11 छायादार पौधों का रोपण किया गया। पौधारोपण कार्यक्रम का शुभारंभ पहला पौधा लगा श्रीमती कुमुद चतुर्वेदी (आयु सौ वर्ष) ने किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सृजन फॉउंडेशन की अध्यक्ष अदिति कात्यायन उपाख्य प्रतिमा कुमारी ने कहा कि व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के लिए पेड़-पौधों का होना नितांत आवश्यक हैं। ऐसा स्थान जहां कोई पेड़ नहीं है वहां की हवा में ही दुख झलकता है जबकि एक अच्छी संख्या में वृक्षों से घिरा हुआ स्थान स्वचालित रूप से जीवंत और रहने लायक दिखता है। पेड़ न केवल हमें शारीरिक रूप से स्वस्थ रखते हैं, बल्कि हमारे बौद्धिक विकास में भी सहायक होते हैं। पेड़-पौधों का हमारे मस्तिष्क पर शांत प्रभाव पड़ता है। दिमागी शांति धैर्य रखने की कुंजी है। जो शांत है वहीं बेहतर है और उसी में बेहतर निर्णय लेने की क्षमता है, वहीं विभिन्न परिस्थितियों में स्वस्थ मन, बुद्धि से काम भी कर सकता है। दुर्भाग्य से आज हमने अपनी जिज्ञासा और नई नई खोज की अभिलाषा में पेड़ों का उत्पादन और उनका संरक्षण करना कम कर दिया है। पौधारोपण हमें अवसर देता है,उस सुंदर प्रकृति को नजदीक से जानने का जिस प्रकृति में हम पलकर बढ़े हुए हैं।वृक्षारोपण कर हम प्रकृति के कर्ज को चुकाकर पूर्ण कर सकते हैं। हरियाली माह में हम सभी संकल्प लें कि हम प्रतिवर्ष एक पेड़ लगाकर उसकी देखभाल जरुर करें। साथ ही उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं संकल्प कराया कि एक-एक बूंद पानी की बचायेंगे तो हमारे आज के प्रयास हमारी कल की पीढ़ियों के लिए वरदान साबित होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षीय भाषण में श्रीमती कुमुद चतुर्वेदी ने कहा कि समस्त चराचर में बह्म का अस्तित्व मानने वाले हमारे जीवन दर्शन में सहजीवी पशु पक्षियों, जीव जंतुओं,पेड़ पौधों के प्रति प्रेम दया और संरक्षण का भाव सदा से रहा है।हमने पृथ्वी को मां के रूप में देखा है।हमारी जीवन दृष्टि प्रकृति के प्रति कैसी है तो अगर एक पंक्ति में कहना हो तो सह अस्तित्व सामंजस्यपूर्ण और सौहार्द के साथ साथ मातृत्व भाव युक्त समान दृष्टि रही है। इसलिए हम लोगों ने प्रकृति माता, गौमाता,गंगा माता, तुलसी माता, धरती माता कहा है।

मुख्य अतिथि वरदान वैलफेयर की श्रीमती शीतल अग्रवाल ने कहा कि जड़ चेतन जल जीव जत सकल राम मय जानि व्यक्ति से परमात्मा तक सभी अंगांगी भाव से जुड़ें हैं।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से कुमुद चतुर्वेदी, विनीता चतुर्वेदी , वरदान वैलफेयर की श्रीमती शीतल अग्रवाल,भूपिंदर कौर,बंटी चतुर्वेदी,ममता भाटिया,किट्टू जतिन्दर कौर,उषा गुप्ता ,मधु जिंदल ,महिमा भिटिया उपस्थित रहे। सृजन फॉउंडेशन की विनीता चतुर्वेदी ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया व मुख्य अतिथि को प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का समापन भूपिंदर कौर के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।

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