
महमूदाबाद(सीतापुर)।
तहसील क्षेत्र में आने वाली सात सौ बीघा के आसपास शत्रु संपत्तियां अवैध कब्जों के मकड़जाल से बाहर नहीं निकल पा रही हैं। करोड़ों रुपए की संपत्ति पर लोगों ने कब्जे जमा रखे हैं। तहसील क्षेत्र में बरदही बाज़ार में मवेशियों की ख़रीद फरोख्त का धंधा तेजी से पांव पसार रहा है। वहीं, कुछ तथाकथित भूमाफिया किले के कारखास से मिलकर लखपेड़ा बाग और हजारा बाग समेत तमाम से अन्य भूखंडों पर खेती व व्यापार कर रहे हैं। जानकर सूत्रों की मानें तो शत्रु संपत्तियों के खेल में कई जिम्मेदारों की संलिप्तता भी है। ऐसे में अगर शत्रु संपत्ति का लेखा-जोखा उच्चाधिकारियों द्वारा खंगाल लिया जाए, तो कई राजस्वकर्मियों की नौकरी खतरे में आ सकती है। तथाकथित भूमाफिया शत्रु संपत्ति की भूमि को किराए पर लेते हैं। इसके एवज में वह मोटी रकम किले के एक कारखास को देते हैं। मगर जिम्मेदार इसपर महज कार्रवाई का आश्वासन देकर ही इतिश्री कर लेते हैं। शत्रु संपत्ति पर हो रही खेती और खाली पड़े भूखंडों पर हुए अवैध अतिक्रमण को तहसील प्रशासन नजरअंदाज कर रहा है। हलांकि कई माह पूर्व सीएम योगी आदित्यनाथ ने इन जमीनों को कब्जामुक्त कराने के निर्देश दिए थे लेकिन जिले में अब तक इसको लेकर कोई खास असर नहीं दिखा है।
*आखिर क्यों नहीं उठाते ज़िम्मेदार फोन*
रविवार को भी महमूदाबाद की तहसीलदार सुरभि राय का सीयूजी नंबर नहीं उठा। कई दिनों से तहसील से संबंधित जानकारी के लिए उनको फोन किए जा रहे हैं। मगर फोन की घनघनाहट इनके कानों तक नहीं पहुंचती। हलांकि शत्रु संपत्ति को लेकर केंद्र के आदेशों को कितना गंभीरता से लिया जा रहा है। इस बात का अंदाजा कई दिनों से तहसीलदार के सीयूजी नंबर पर शत्रु संपत्ति से संबंधित जानकारी लेने के लिए किए जा रहे फोन के रिसीव न होने से लगाया जा सकता है।