*कछौना(हरदोई):* विभाग की खाऊ कमाऊ नीति के चलते उचितदर विक्रेता शोषण का शिकार होते हैं। ठेकेदारों द्वारा कोटेदारों को राशन कम देना, विभाग द्वारा कट्टी के वजन का भुगतान न देना, प्रतिमाह विभाग द्वारा अवैध वसूली, प्रतिमाह से समय से कमीशन का भुगतान न होने के चलते कोटेदार विभाग के भ्रष्टाचार से आजिज आ चुके हैं। जिससे वह लाभार्थियों के साथ घटौली कर विभाग का पेट भरते हैं। पूरे सिस्टम में लाभार्थी उपभोक्ता ही ठगा जाता है। पूरे मामले की शिकायत आदर्श कोटेदार एवं उपभोक्ता वेलफेयर एसोसिएशन ने शासन प्रशासन से शिकायत की। सरकार की साफ नियत के बावजूद विभागीय अधिकारी सहकारी सिस्टम के तहत कोटेदारों का शोषण कर रहे हैं। विभागीय अधिकारी कोटेदारों से प्रतिमाह 2000 से लेकर 5000 तक की अवैध वसूली करते हैं। ठेकेदार फर्म द्वारा कोटेदारों को राशन काम दिया जाता है। जिसकी मात्रा पूरी करने के लिए ठेकेदार राशन पर पानी का छिड़काव का वजन पूरा कर देते हैं। जिससे कोटेदारों को 50 कुंतल पर लगभग एक कुंटल कम राशन दिया जाता है। कट्टी के वजन का राशन की भरपाई नहीं की जाती है। जनवरी माह से कोटेदारों को कमीशन नहीं मिला है। कोटेदारों के सामने परिवार का भरण पोषण का संकट है। वह मानसिक अवसाद में रहते हैं। ईमानदारी से राशन वितरण करना संभव नहीं होता है। विभागीय अधिकारी की अवैध वसूली, धमकी से कोटेदारों परेशान है। अपने साथ हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर कार्यवाही की धमकी दी जाती है। सरकार के लाख प्रयास के बावजूद भ्रष्टाचार की कड़ी नहीं टूट पाती है। जिसका खामियाजा उपभोक्ता को उठाना पड़ता है।