
विष्णु सिकरवार
आगरा। प्रदेश की योगी सरकार गेहूं उत्पादक किसानों को उसकी फसल का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए लेवी केंद्रों की स्थापना कर चुकी है। किसानों के गेहूं की रेट भी तय की जा चुकी है लेकिन इसके बावजूद भी लेवी केंद्र सूने पड़े हैं। लेवी केंद्रों पर ठेकेदार, दलाल और बिचौलियों ने अपना एकाधिकार कर लिया है। किसानों के गेहूँ को आढ़तियों के माध्यम से खरीदा जा रहा है। जानकारी के मुताबिक मोदी सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य 2275 रुपए प्रति कुंतल की दर से तय किया है। 20 प्रति कुंतल के हिसाब से किसानों को जलपान खर्च भी अदा किया जा रहा है। अब अगर सच्चाई देखी जाए तो मामला इसके बिल्कुल उलट है। सूत्रों की मानें तो किसान को लेवी केंद्रों से मिलने वाले जलपान शुल्क की धनराशि को दलाल ही डकार रहे हैं।