*कछौना, हरदोई।* एक तरफ सरकार स्कूल चलो अभियान के तहत कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रह जाए, वहीं सरकारी स्कूलों की दशा में कोई प्रभावी सुधार न होने के कारण गरीब परिवार के बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं।
बतातें चलें विकासखंड कछौना की ग्राम सभा लोन्हारा के ग्राम नैरा में संविलियन विद्यालय स्थित है। जिसमें इंचार्ज अध्यापिका की नियमित रूप से विद्यालय न आने के कारण विद्यालय की दयनीय स्थित है। कागजों में नौनिहालों की संख्या लगभग दो सैकड़ा दर्ज है, लेकिन उपस्थिति बहुत कम रहती है। विद्यालय प्रांगण में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। शौचालय अधूरा पड़ा है। एचसीएल फाउंडेशन की तरफ से शौचालय भी अनुपयोगी पड़ा है। जिससे नौनिहाल विद्यालय के बाहर शौच जाने को विवश है। मध्यान्ह भोजन के लिए बना एमडीएम शेड की बैठने की बेंचें टूटी पड़ी है। लाखों रुपए की लागत से तैयार एमडीएम शेड भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। मध्यान्ह भोजन ज्यादातर चूल्हे पर बनाया जाता है। जबकि सरकार धुंआ रहित भोजन बनाने में गुणवत्ता परक के लिए सतत प्रयासरत है। नौनिहालों के सर्वांगीण विकास के लिए खेलकूद सामग्री झूला राउंडर आदि टूटे-फूटे पड़े हैं। शिक्षकों के मनवाने तरीके से विद्यालय आने-जाने के कारण शिक्षण व्यवस्था चौपट है। इंचार्ज अध्यापिका के उदासीन रवैया व शिक्षण में गुणवत्ता न होने के कारण अभिवावकों में काफी आक्रोश है। कई बार ग्रामीणों द्वारा शिकायत के बावजूद कार्यशैली में कोई सुधार नहीं है। ग्रामीणों ने पूरे मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से की। प्रशासन की उदासीन रवैये के कारण नौनिहालों का भविष्य अंधकार मय हो रहा है।