सपा मुखिया अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच पिछले कुछ दिनों से चल रहे घटनाक्रम ने भाजपा के लिए ‘चरखा दांव’ की नई जमीन तैयार कर दी है। प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव की सत्ता खेमे से बढ़ रही नजदीकियों के बाद माना जा रहा है कि भाजपा नितिन अग्रवाल की तरह ही शिवपाल को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाकर सपा के खिलाफ बड़ा रणनीतिक दांव चल सकती है।
अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच लंबी चली खींचतान पर इस विधानसभा चुनाव में विराम लगता नजर आया। अलग पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बनाने वाले शिवपाल अपने भतीजे व सपा मुखिया से कुछ सीटों के लिए बातचीत करते रहे, लेकिन अंतत: अखिलेश ने सिर्फ एक ही सीट उनके लिए छोड़ी।