राष्ट्र धर्म से है नहीं, और बड़ा शुचि धर्म।

 

मुम्बई अंधेरी में नैसर्गिक विकलांग सेवा संघ संस्था के द्वारा बहुत ही शानदार विराट कवि सम्मेलन सम्पन्न हुआ जिसमें मां शारदे की वाणी वंदना माता प्रसाद पांडेय ने किए इसके बाद ओज कवि लक्ष्मीकांत “कमल नयन” ने पढ़ा
राष्ट्र धर्म से है नहीं, और बड़ा शुचि धर्म।
“कमलनयन”निज राष्ट्र हित,करो सदा सत्कर्म ।। जिसको सुनकर श्रोताओ ने जय हिंद वन्दे मातरम् के नारे लगाने लगे और तालियों से अपना स्नेह दिए फिर आनंद पांडे “केवल” ने पढा
नौकरी हो तो सरकारी,
वरना बेचो तुम तरकारी,,
दुख मे काम आती है मित्रों,
केवल अपनी ही महतारी,,।।
जाकिर हुसैन रहबर ने पढा “किसकी शोहरत किसकी इज्जत कितनी है ” विनय यादव “दीप” ने होली पर छंद पढ़कर महोल खुशनुमा कर दिए रोशनी किरन ने होली पर दोहा पढ़ी रबी यादव ने शानदार प्रस्तुती दिए
और बहुत ही अद्भुद संचालन किए आंनद पांडे केवल जी अपने संचालन के द्वारा श्रोताओ के मन को मोह लिए श्रोताओ का भरपुर स्नेह मिला
कार्यक्रम का समापन संस्था के कार्यकर्ता ने सभी कवियों ,श्रोताओ,एवं अथिति ओं,का धन्यवाद ज्ञापित किए
राष्ट्रीयगान से कार्यक्रम का समापन किया गया

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