
मनरेगा कर्मियों को 8 माह से नहीं मिला मानदेय।
पहले दीवाली और अब होली पर भी खाली रहेंगे मनरेगा कर्मियों के हाथ।
8 माह से मानदेय न मिलने के कारण घर परिवार की तमाम जरूरतों को पूरा करने में हो रही परेशानी।
सांडा(सीतापुर)- 100 दिन के रोजगार की गारंटी देने वाली मनरेगा अब ना तो योजना से जुड़े अल्प मानदेय पर काम करने वाले मनरेगा कर्मियों को आठ माह के लंबे समय से मानदेय दे पा रही है। वहीं गांव में ही रहकर मनरेगा में काम करके परिवार की आजीविका चलाने वाले तमाम जब कार्ड धारक मजदूरों को बीते चार माह से उनकी बकाया मजदूरी का पैसा भी नहीं दे पायी है। ऐसे में मनरेगा से जुड़े तमाम संविदा कर्मियों के साथ मनरेगा मजदूरों को शायद आगामी होली के त्योहार पर भी उन्हें अपना पारिश्रमिक नहीं मिल पाएगा।
मनरेगा संविदा कर्मी जिन्हें 7800 रुपये प्रतिमाह मानदेय के रूप में मिलता है उन्हें बीते 8 माह से मानदेय नहीं मिल पाया है। तो वहीं मनरेगा में श्रम रोजगार करके जीवन यापन करने वाले बड़ी संख्या में जॉब कार्ड धारक मजदूरों को बीते चार माह से मनरेगा में किए गए काम की मजदूरी नहीं मिल पायी है। अब इन परिस्थितियों में जब मनरेगा से जुड़े लोगों को घर परिवार की जरूरतों को पूरा करने में ही तमाम कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा हो तो आने वाले कुछ ही दिनों में होली के पर्व को कैसे मनायेंगे। इसे लेकर मनरेगा कर्मियों की चिंता बढ़ती जा रही है। अल्प पारिश्रमिक पर काम करने वाले मनरेगा कर्मियों को लंबे समय से पारिश्रमिक और मजदूरों को बकाया मजदूरी का भुगतान ना मिल पाने की समस्या को लेकर जब जिला स्तरीय आला अधिकारियों से बात की जाती है तो उनका जवाब मिलता है कि जब सरकार से पैसा मिलेगा तो मनरेगा कर्मियों और श्रमिकों को मिल जाएगा।