
चंडीगढ़। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की मांग ठुकराने के साथ ही केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार को भी बिजली देने से ‘ना’ कह दिया है। हां जी, पंजाब सरकार ने 600 मेगावाट से ज्यादा बिजली देने की मांग केंद्र के समक्ष रखी थी।दिल्ली और पंजाब दोनों में आम आदमी पार्टी की सरकार है, और ये दोनों ऐसे राज्य हैं जहां लोगों को 300 यूनिट मुफ्त बिजली मुहैया कराने का वादा किया गया है।
आम आदमी पार्टी एक ओर जहां दिल्ली में पर्याप्त बिजली न मिलने पर भाजपा सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट जा पहुंची है, वहीं, पंजाब सरकार भी बिजली की डिमांड पर अड़ गई है। हालांकि, बिजली वितरण को लेकर केंद्र सरकार ने पंजाब को एक हफ्ते में दूसरा बड़ा झटका दे दिया है। अतिरिक्त कोयला देने से इंकार के बाद अब केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने विशेष बिजली पूल से बिजली आपूर्ति देने से भी मना कर दिया हैजानकारी के मुताबिक, पंजाब के बाद पूल से मांग करने वाले हरियाणा को केंद्र ने 728.68 मेगावाट बिजली भिजवाई है। बताया जा रहा है कि, पंजाब ने बहुत पहले 750 मेगावाट बिजली के लिए उत्तरी क्षेत्रीय बिजली समिति को आवेदन दिया था। आवंटित पूल में 1522.73 मेगावाट बिजली है। वहीं, राज्य की बिजली समिति ने 24 मार्च को एक पत्र जारी कर पंजाब को अनअलोकेटेड पूल से 600 मेगावाट से ज्यादा बिजली मुहैया कराने की मांग की थी। वो मांग नहीं मानी गई, तो पंजाब सरकार ने केंद्र से दूसरी बार मांग की। हालांकि, केंद्र सरकार ने पंजाब को एक और झटका तब दे दिया जबकि विशेष पूल से बिजली देने से इंकार किया।।